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खबर का बड़ा असर : यमुना में जलधारा बांधने वाले माफिया संचालक व पट्टाधारक पर एफआईआर
अवैध खनन की जांच करती संयुक्त टीम
- शासन की फटकार के बाद जिले के अफसर जागे, हुई कार्रवाई
फ़तेहपुर । जनपद की खदानों में वैध की आड़ मेंं हो रहे अवैध खनन व ओवरलोड परिवहन की खबरें कई बार दैनिक भास्कर अखबार ने प्रमुखता से प्रकाशित की। जिसमे छिटपुट कार्रवाई करके जिले का प्रशासन पल्ला झाड़ लेता था। फिर भास्कर में एक्सक्लूसिव खबर थानाध्यक्ष की संलिप्तता में 27 डंप चोरी हो जाने की खबर प्रकाशित होने के बाद शासन ने संज्ञान लेकर जिले के अफसरों को फटकार लगाई। जिसके बाद थानाध्यक्ष को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई जबकि 27 डंप चोरी करने वाले माफियाओ पर एफआईआर दर्ज की गई।
जनपद में इतनी बड़ी कार्रवाई होने के बाद भी जिले में खनन माफिया अवैध खनन से बाज नहीं आये। उन्होंने अढ़ावल 11 नम्बर खदान में अवैध खनन के लिए यमुना की जलधारा बांध दी। जिस खबर को भी दैनिक भास्कर ने 8 सितम्बर को प्रमुखता से प्रकाशित की। मगर जिले के कुछ अधिकारियों की सरपरस्ती में खदान संचालक पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई सिर्फ जुर्माना और दो मशीने सीजकर खानापूर्ति की गई। जिसका खामियाजा यह रहा कि खदान संचालक ने आधा से एक किलोमीटर की दूरी तक धारा को बांध दिया और दूसरे छोर से जाकर जमकर अवैध खनन किया। इस एक्सक्लूसिव खबर को भी दैनिक भास्कर अखबार ने 20 दिसम्बर को प्रकाशित की। जिसमे जिले के अधिकारियों सहित प्रदूषण बोर्ड व खनिज डायरेक्टर के बयान प्रकाशित हुए। जिसमे खनिज डायरेक्टर ने गम्भीर विषय मानते हुए कठोर कार्रवाई की बात कही। उन्होंने देर रात ही अढ़ावल 11 नम्बर खदान की ओटीपी बन्द करा दी और पूरे मामले में शासन स्तर से जांच बैठा दी। वहीं डायरेक्टर रोशन जैकब ने जिले के अधिकारियों को इस बाबत जमकर फटकार लगाई, जिसके बाद खनन विभाग, राजस्व व पुलिस की संयुक्त टीम के साथ खान अधिकारी मिथलेश पांडे व अजीत पांडे ने रविवार को खदान में छापा मारा। जहां उन्होंने देखा कि जलधारा में कैंची बनाकर उसे जगह जगह से बांधा गया है। जांच टीम ने अढ़ावल 11 नम्बर खदान में लगभग पांच से छह घण्टे तक जांच की। जांच के दौरान अवैध खनन के पर्याप्त साक्ष्य उन्हें प्राप्त हुए।
- शासन से टीम आने की सूचना मिलते ही हटाई गई हैवी मशीने
रविवार को दैनिक भास्कर में खबर प्रकाशित होने के बाद जिले में माहौल गर्म रहा। शासन से टीम आने की सूचना पढ़कर खदान संचालक ने मशीनों से रास्ते को मिटाना शुरू करवा दिया। हालांकि वह जलधारा में बना आधा रास्ता ही मिटा पाए थे कि जांच टीम फ़तेहपुर से निकल पड़ी। जिसकी सूचना भी खदान संचालक तक पहुंच गई जिसके बाद खदान में लगी दर्जनों हैवी मशीने सीज न हों इसके लिए वहां से हटाने के प्रयास शुरू हो गए। कई मशीनों को एक नहर में छुपा दिया गया। जबकि कई मशीनों को जंगल के रास्ते इधर उधर ले जाया गया। हालांकि मशीनो द्वारा जलधारा में बने रास्तो को मिटाने व खदान से मशीने हटाने के भी वीडियो मौके में मौजूद एक संवाददाता ने बना लिए।
- क्या कहते हैं जिम्मेदार
जलधारा बांधना बेहद गम्भीर विषय है जानकारी मिलते ही सम्बन्धित खदान की ओटीपी बंद करा दी गई है पूरे मामले में एक जांच भी बैठा दी गई है।
डायरेक्टर खनिज रोशन जैकब
दोबारा जलधारा बांधने की जानकारी मिलने पर खनन, राजस्व व पुलिस की संयुक्त टीम ने मौके पर आकर जांच की है। मौके में कैंची बनाकर जलधारा को रोका गया है। जलधारा को बांधकर अवैध खनन के पर्याप्त साक्ष्य मिल चुके हैं। इस तरह का कार्य करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। शासन के सख्त निर्देश हैं कि अवैध खनन बर्दाश्त नहीं होगा। इस मामले में खदान संचालक व पट्टेधारक जादौन पर लोक संपत्ति और पर्यावरण को क्षति पहुंचाने की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। अवैध खनन की मात्रा का आकलन कर जुर्माने की भी कार्रवाई शीघ्र ही की जाएगी।
खान अधिकारी मिथलेश पांडे