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बड़ी खबर: अब वैक्सीन को लेकर भारत और ब्रिटेन आमने सामने, एक दूसरे ने किये फरमान जारी
गिरीश मालवीय
ब्रिटेन का रुख साफ है कि उसे कोविशील्ड पर कोई डाउट नहीं है बल्कि भारत की मोदी सरकार द्वारा बनाए गए वेक्सीन सर्टिफिकेट पर ऑब्जेक्शन है....... ब्रिटेन ने कह दिया था कि उन्हें कोवीशील्ड लगवाने वालों से कोई परेशानी नहीं है। किंतु वे भारत के वैक्सीन सर्टिफिकेट पर भरोसा नहीं कर सकते !....
यानी डंका पूरी तरह से फट गया है.
अब भारत सरकार ने भी प्रत्युत्तर में अब ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों को भारत में 10 दिन आइसोलेट होने का फरमान जारी कर दिया है,
लेकिन ब्रिटेन अपनी जगह ठीक भी है.
वैसे मजे की बात एक यह भी बताई जा रही है कि जब विदेश में सफर कर रहे भारतीयों ने वेक्सीन सर्टिफिकेट को लेकर जब अपने अनुभव साझा किए तो उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो से उन्हें कई जगह समस्या हुई। कई लोगों ने बताया कि हवाईअड्डों पर आव्रजन अधिकारी वैक्सीन पर लगी फोटो की मिलान उनके पासपोर्ट पर लगे फोटो से करने लगे और फोटो नहीं मिलने पर लोगों को बैठा लिया। उन्हें कई बार समझाना पड़ा और गूगल करके भारत के प्रधानमंत्री की फोटो दिखानी पड़ी कि यह फोटो उनकी नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री की है। इससे कई जगह मजाकिया स्थिति भी बनी तो कई जगह लोगों को अतिरिक्त जांच से गुजरना पड़ा और मुश्किलें उठानी पड़ीं।
कई जगहों पर विदेशी अधिकारियों को वेक्सीन पासपोर्ट पर छपी मोदी की तस्वीर वैसी ही लगी जैसे कि भारत की ग्रामीण महिलाएं अपने छोटे बच्चों को 'ये वाला बाबा आ जाएगा' 'पकड़ कर ले जाएगा' कह कर डराती है.
वैसे सच बात यह है कि भारत मे बांटा जा रहा वेक्सीन पासपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नियमों के अनुसार नही बनाया जा रहा है इसमे कैंडिडेट की जन्मतिथि का सिर्फ साल दर्ज किया जा रहा था लेकिन WHO के अनुसार उन्हें जन्मतिथि पूरी लिखी हुई चाहिए होती है और वो भी वही होनी चाहिए जो पासपोर्ट में दर्ज है
दूसरी बात यह कि यह तिथि WHO के स्टैंडर्ड्स के मुताबिक इसका फॉर्मेट YYYY-MM-DD (Year-Month-Day)होना चाहिए
यह काम पिछले हफ्ते से ही वेक्सीन सर्टिफिकेट में शुरु किया गया है जबकि वेक्सीन को लेकर मोदी सरकार खुद की पीठ थपथपाने में कोई कोर कसर नही रखती , वह इतनी मामूली सी चूक कर बैठती है.…..आश्चर्य की बात है