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उपमुख्यमंत्री को पुरानी पेंशन बहाली हेतु ज्ञापन दिया गया
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कुमार कृष्णन
पटना। NMOPS बिहार टीम के,कटिहार जिला समन्वयक श्री प्रशांत कुमार सिंह एवं श्री अविनाश कुमार के नेतृत्व में एवं अन्य NPS कर्मियों के महत्वपूर्ण सहयोग से श्री तारकिशोर प्रसाद, माननीय उपमुख्यमंत्री-सह-वित्त मंत्री,बिहार सरकार को पुरानी पेंशन बहाली हेतु ज्ञापन सौंपा गया। पुरानी पेंशन बहाली हेतु राष्ट्रीय आंदोलन नामक संगठन अपने स्थापना काल से ही एनपीएस का लगातार विरोध कर रहा है।
उल्लेखनीय हैं राज्य स्तर पर इस संगठन का नेतृत्व अध्यक्ष वरुण पाण्डेय एवं महासचिव शशि भूषण कुमार कर रहे है। हर समय एनएमओपीएस द्वारा पूरे जोरदार तरीके से एनपीएस का विरोध किया जाता रहा है, एनपीएस की कमियां तो बहुत है, परन्तु सबसे महत्वपूर्ण कमी यह है कि सेवानिवृत्ति के बाद सेवानिवृत्त सरकारी सेवक को कोई भी निश्चित गारंटी नहीं दी जाती।
आज कई सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों को एनपीएस में जो पेंशन दी जा रही है वह सामान्य वृद्धावस्था पेंशन से भी कम की राशि दिखती है, पीएफआरडीए की कार्यप्रणाली बेहद संदिग्ध है और उसमें पारदर्शिता का पूरा पूरा अभाव है, सभी सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद एनपीएस के माध्यम से बैंक और बाजार के भरोसे छोड़ दिया गया है।
एनपीएस में सरकार का भी कुछ खास फायदा नहीं है उल्टे हानि है, पैसा कर्मचारियों का हो और उसमें सरकार का भी शेयर लगे और उस पैसे से फायदा बैंक और बाजार उठाएं, यह कहां की समझदारी है. एनपीएस के माध्यम से सरकार ने सरकारी सेवकों और अपने दोनों शेयर को मिलाकर पैसे को जुए में लगा दिया।
सदियों से हमारे समाज में यह माना जाता रहा है कि जुए में कभी फायदा नहीं होता और कुछ नहीं तो कम से कम नैतिक पतन तो जरूर हो जाता है, एनएमओपीएस की लड़ाई का सरकार पर लगातार असर भी हो रहा है और सरकार द्वारा धीरे धीरे कर्मचारी हित में काम किया भी जा रहा है, परंतु यह हमारी आंखों में धूल झोंकने के समान है और हम इससे कतई संतुष्ट नहीं है।
आज भी विधायक, सांसद, माननीय न्यायाधीश इत्यादि को पुरानी पेंशन दी जा सकती है, जिन्हें की सेवानिवृत्ति के उपरांत भी कई प्रकार के विशेषाधिकार मिलते रहते हैं तो सामान्य सरकारी सेवक को सेवानिवृत्ति के बाद भगवान भरोसे छोड़ने का क्या औचित्य है, इसलिए केंद्र और राज्य के सरकार से मेरा विनम्र अनुरोध है की "वन नेशन वन पेंशन" की योजना को लागू की जाए।
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