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Kangana Ranaut के किसानों पर दिए विवादित बयान से बीजेपी ने झाड़ा पल्ला, मंडी सांसद को दी चेतावनी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को अभिनेत्री व सांसद कंगना रनौत के उस बयान से असहमति जताते हुए किनारा कर लिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे और वहां बलात्कार तथा हत्याएं हो रही थीं. भाजपा के केंद्रीय मीडिया विभाग की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, पार्टी ने मंडी की सांसद को हिदायत भी दी कि वह इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें.
कंगना रनौत ने अपने साक्षात्कार की एक क्लिप ‘एक्स’ पर पोस्ट की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो भारत में भी ”बांग्लादेश जैसी स्थिति” पैदा हो सकती थी. उन्होंने यह भी दावा किया कि किसानों के प्रदर्शन के दौरान ”लाशें लटकी थी और दुष्कर्म की घटनाएं हो रही थीं.” उन्होंने ”षड्यंत्र” में चीन और अमेरिका के शामिल होने का आरोप लगाया.
भाजपा ने कहा, ”सांसद कंगना रनौत द्वारा किसान आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में दिया गया बयान, पार्टी का मत नहीं है. भाजपा कंगना रनौत के बयान से असहमति व्यक्त करती है. पार्टी की ओर से, पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए कंगना रनौत को न तो अनुमति है और न ही वे बयान देने के लिए अधिकृत हैं.” भाजपा के रनौत की टिप्पणी से खुद को अलग कर लेने के बीच कांग्रेस ने सत्तारूढ. पार्टी से कहा कि यदि वह वास्तव में रनौत के विचारों से असहमत है तो उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाए.
हरियाणा के साथ पंजाब के बड़ी संख्या में किसान विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे. हरियाणा में कुछ ही हफ्तों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. भाजपा ने रनौत की टिप्पणी से असहमति जताकर राज्य में होने वाले किसी भी नुकसान से खुद को बचाने की कोशिश की है. भाजपा के बयान में कहा गया कि पार्टी की ओर से रनौत को निर्देशित किया गया है कि वह इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें. पार्टी ने कहा, ”भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ तथा सामाजिक समरसता के सिद्धांतों पर चलने के लिए कृतसंकल्पित है.” यह पहली बार नहीं है जब रनौत ने किसानों के बारे में भड़काऊ टिप्पणी की है. वह पहले भी अपनी कई टिप्पणियों को लेकर विवादों में घिरती रही हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नवंबर 2021 में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की घोषणा के बाद किसान आंदोलन खत्म हुआ था. पार्टी ने पहले भी रनौत को निजी तौर पर यह बताया है कि उन्हें अपने विचार व्यक्त करने में सावधानी बरतनी चाहिए. किसानों के कई समूह विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ गोलबंद होने का प्रयास कर रहे हैं, तथा केंद्र सरकार भी कृषक समुदाय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रर्दिशत करने के लिए समय-समय पर कई कदम उठा रही है.
कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख और प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी कहा कि सरकार को कंगना के इस दावे पर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि अमेरिका और चीन देश के अंदर अस्थिरता की साजिश कर रहे थे. श्रीनेत ने कहा, ”कंगना रनौत के बयान पर आक्रोश पैदा हुआ तो भाजपा से उसका आधिकारिक रुख के बारे में पूछा गया. हरियाणा का चुनाव का नजदीक है और पता है कि भाजपा हारने जा रही है. ऐसे में भाजपा की तरफ से एक बयान आया जिसमें कंगना की टिप्पणियों से असहमति जताई गई.” कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अगर यह भाजपा का मत नहीं है तो कंगना रनौत को पार्टी से निकालिए. भाजपा शासित हरियाणा में एक अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं.