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Black Soil and Red Soil: काली मिट्टी की पिच और लाल मिट्टी की पिच में क्या अंतर होता है?
Black Soil Red Soil: भारत और बांग्लादेश के बीच 2 मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला चेन्नई के चेपाक स्टेडियम में खेला जाने वाला है. इस मैच के रिजल्ट में चेपाक की पिच का बड़ा योगदान होगा. ऐसे में फैंस ये जानना चाहते हैं कि चेपाक की पिच कैसी रहेगी? इस पिच पर बल्लेबाजों को मदद मिलेगी या गेंदबाजों को मदद मिलेगी? हालांकि, पिच की प्रकृति पर ये सारी चीजें निर्भर करती हैं. अब गौर करने वाली बात ये होगी कि चेन्नई टेस्ट काली मिट्टी पर खेला जाएगा या फिर लाल मिट्टी पर. तो आइए आपको बताते हैं कि काली मिट्टी की पिच और लाल मिट्टी की पिच में क्या अंतर होता है?
काली मिट्टी की पिच कैसी होती है?
काली मिट्टी की पिच की बात करें, तो ये लाल मिट्टी की तुलना में अधिक पानी पीती है. इस वजह से ब्लैक मिट्टी की पिच पर जल्दी दरार नहीं पड़ती. इसलिए इन पिचों पर असमतल उछाल देखने को मिलता है. काली मिट्टी की पिच पर शुरुआत से ही स्पिनर्स का दबदबा रहता है और बल्लेबाजों को संभलकर बल्लेबाजी करनी होती है.
लाल मिट्टी की पिच कैसी होती है?
लाल मिट्टी की पिच कम पानी सोखती है, जिसके चलते ये जल्दी सूखने लगती है. जब लाल मिट्टी पर टेस्ट मैच खेले जाते हैं, तो तीसरे और चौथे दिन तक पिच में काफी दरार पड़ जाती हैं और पिच टूटने लगती है. पिच के इस नेचर के चलते शुरुआत में तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है, क्योंकि पिच पर काफी उछाल होता है. लेकिन, दरार पड़ने के चलते स्पिनर्स का पलड़ा भारी हो जाता है और आखिरी के दो-तीन दिन स्पिनर्स को खेलना काफी मुश्किल हो जाता है.
भारत-बांग्लादेश चेन्नई टेस्ट की पिच किस मिट्टी से तैयार होगी?
भारत-बांग्लादेश के बीच खेले जाने वाले चेन्नई टेस्ट मैच लाल मिट्टी की पिच पर खेला जाने वाला है. हालांकि, ये खबर रिपोर्ट्स के हवाले से सामने आई है. यदि मुकाबला लाल मिट्टी की पिच पर होता है, तो यहां गेंदबाजों को अच्छा उछाल मिलेगा और गेंद कीपर तक आराम से एक अच्छी ऊंचाई पर जाएगी. बल्लेबाजों के लिए चेन्नई में रन बनाना आसान नहीं होगा और शुरुआत में उन्हें आराम से पिच पर वक्त बिताना होगा.