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अपर्णा यादव को क्यों नहीं मिला लखनऊ कैंट से टिकट, बृजेश पाठक को मौका, जानें क्या है इसके पीछे भाजपा का प्लान
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भारतीय जनता पार्टी में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में कई बड़े नामों के गायब होने से राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा हो रही है। जहां भाजपा ने योगी आदित्यनाथ सरकार में महिला कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह का सरोजिनी नगर से टिकट काट दिया है तो वहीं समाजवादी छोड़कर पार्टी में शामिल हुईं अपर्णा यादव को टिकट नहीं दिया है।
पहले अखिलेश को टक्कर देने वाली थीं अपर्णा यादव?
समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं अपर्णा यादव के बारे में कहा जा रहा था कि भाजपा उन्हें अखिलेश यादव के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारेगी। अखिलेश यादव ने मैनपुरी की करहल सीट से नामांकन दाखिल किया है। लेकिन अब करहल में अखिलेश यादव को बीजेपी की तरफ से एसपी सिंह बघेल चुनौती देंगे। उन्होंने सोमवार को अपना नामांकन भरा था।
लखनऊ कैंट से भी अपर्णा को नहीं मिला टिकट
करहल से टिकट कटने के बाद खबरें थीं कि अपर्णा को लखनऊ की कैंट विधानसभा से टिकट दिया जा सकता है। लेकिन भाजपा ने मंगलवार को जारी अपनी लिस्ट में अपर्णा की जगह यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक को टिकट दे दिया। अपर्णा यादव ने पिछला चुनाव इसी सीट पर सपा के टिकट पर बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ लड़ा था, लेकिन बड़े अंतर से हार गईं थीं। माना जाता है कि अपर्णा यादव ने लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ने में गहरी दिलचस्पी दिखाई थी।
बृजेश पाठक को मौका, क्या है प्लान?
बृजेश पाठक फिलहाल लखनऊ के मध्य विधानसभा (Lucknow Central) से विधायक हैं। लेकिन उन्हें अब लखनऊ कैंट से टिकट दिया गया है। मध्य सीट अब बृजेश पाठक के लिए सेफ नहीं मानी जा रही है। इसके पीछे की वजह यहां मौजूद बड़ी संख्या में मुस्लिम मतदाता हैं। खबरों की मानें तो पार्टी बृजेश पाठक जैसे नेता को लेकर रिस्क नहीं लेना चाहती। पाठक ने 2017 विधानसभा चुनाव के वक्त बसपा छोड़ी थी और भाजपा में शामिल हुए थे। लेकिन तब से अब तक उन्होंने भाजपा के एक बड़े ब्राह्मण चेहरे के तौर पर अपनी जगह बना ली है।
भाजपा का ब्राह्मण वोटों पर निशाना
लखनऊ कैंट निर्वाचन क्षेत्र में ब्राह्मणों का वर्चस्व है, जबकि अपर्णा यादव एक बिष्ट राजपूत हैं, जिनकी शादी मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी के बेटे से हुई है। इसलिए भाजपा ने ब्राह्मण वोटों को भी ध्यान में रखते हुए लखनऊ कैंट से बृजेश पाठक को टिकट दिया है। कहा जा रहा है कि ब्राह्मणों की एक बड़ी संख्या राजपूतों को कथित रूप से उनसे अधिक महत्व देने के लिए भाजपा से खफा है। इसलिए ब्राह्मण वोट पार्टी से और दूर न हो जाए, भाजपा ने कैंट से पाठक को उतारने का फैसला किया।
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