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सीबीआई ने 11 लोगों को किया आरेस्ट

सीबीआई ने 11 लोगों को किया आरेस्ट
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पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के बाद हुई हिंसा के मामले में सीबीआई ने बड़ा ऐक्शन लिया है। नंदीग्राम में भाजपा के एक कार्यकर्ता की हत्या के मामले में सीबीआई ने 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इससे एक दिन पहले पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरान एक व्यक्ति की हत्या के मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एक नाबालिग समेत दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया है।

अधिकारियों ने कहा कि राजेंद्र शर्मा और एक नाबालिग को नदिया जिले में 14 जून को पलाश मंडल की हत्या के सिलसिले में हिरासत में लिया गया है। एजेंसी ने मंडल के घर में बंदूक, खंजर, ट्यूबवेल पाइप और लोहे की रॉड से कथित रूप से तोड़फोड़ करने के आरोप में 10 आरोपियों और अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने कहा, ''उन्होंने शिकायतकर्ता के घर में कथित तौर पर तोड़फोड़ की और उसके पति को बाहर खींच लिया। एक आरोपी ने शिकायतकर्ता के पति के सिर पर कथित तौर पर गोली मार दी, जिसके बाद वह गिर गया। पीड़ित को शक्तिनगर जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।'' सीबीआई ने शर्मा समेत 15 आरोपियों के खिलाफ 10 सितंबर को आरोप पत्र दाखिल किया था।

उन्होंने कहा, ''गिरफ्तार लोगों को अदालत में पेश किया गया। अदालत ने एक आरोपी को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया और दूसरे (नाबालिग) को रिमांड होम भेज दिया। विस्तृत जांच जारी है।'' सीबीआई ने हिंसा से जुड़े एक अलग मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल किया है।

सीबीआई ने हत्या के एक अलग मामले में एसके मिजानूर, एसके फतेनूर उर्फ फते और एसके इमदादुल इस्लाम के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। हल्दिया अदालत में दायर अपने आरोप पत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता के परिजन पर हमला किया गया और उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। जोशी ने कहा, ''पीड़ित को पहले नंदीग्राम अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बाद में कोलकाता के पीजी अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।''

शनिवार को एजेंसी ने पूर्वी मिदनापुर के नंदीग्राम से गिरफ्तार किया। यहां 2 मई को आए विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद हिंसा भड़क गई थी और बीजेपी के कार्यकर्ता देबब्रत मैती की हत्या हो गई थी। सीबीआई की इस कार्रवाई को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। टीएमसी ने इस कार्रवाई को बीजेपी की ओर से बदले की साजिश करार दिया है।

टीएमसी ने इस कार्रवाई को नंदीग्राम से ममता बनर्जी को मात देने वाले शुभेंदु अधिकारी के बयान से जोड़ा है। अपने इस कथित बयान में शुभेंदु अधिकारी ने कहा था कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की जांच में जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

टीएमसी के आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा ने कहा है कि इस ऐक्शन का केंद्र सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। पार्टी ने कहा कि सीबीआई की जांच हाई कोर्ट के आदेश पर हो रही है और यह उसके तहत ही ऐक्शन हुआ है। इसका सरकार से कोई ताल्लुक नहीं है।

सीबीआई ने भाजपा कार्यकर्ता की हत्या के मामले में जिन लोगों को अरेस्ट किया है, उनमें टीएमसी के नेता शेख सूफियान के दामाद शेख हकीबुल भी शामिल हैं। बता दें कि शेख को ममता बनर्जी का काफी करीबी माना जाता है। नंदीग्राम में हुए चुनाव के दौरान वह ममता बनर्जी के इलेक्शन एजेंट रह चुके हैं।


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