Top Stories

मुंबई पुलिस ने CBI डायरेक्टर व महाराष्ट्र के पूर्व DGP सुबोध कुमार जायसवाल को भेजा समन, 14 अक्टूबर को हाजिर होने को कहा

Arun Mishra
9 Oct 2021 10:29 PM IST
मुंबई पुलिस ने CBI डायरेक्टर व महाराष्ट्र के पूर्व DGP सुबोध कुमार जायसवाल को भेजा समन, 14 अक्टूबर को हाजिर होने को कहा
x
मुंबई पुलिस ने ई-मेल के जरिए ये समन भेजा है, जिसमें उनसे 14 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा गया है।

महाराष्ट्र : मुंबई पुलिस ने फोन टैपिंग और डाटा लीक से जुड़े एक मामले में पूछताछ के लिए CBI निदेशक और महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी सुबोध कुमार जायसवाल को समन भेजा है। मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने सीबीआई निदेशक को 14 अक्टूबर को बुलाया है। मुंबई पुलिस की साइबर सेल, ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत फोन टैपिंग मामले की जांच कर रही है। ये मामला पुलिस अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े डाटा लीक से संबंधित है। मुंबई पुलिस ने ई-मेल के जरिए ये समन भेजा है, जिसमें उनसे 14 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा गया है। वहां उन्हें साइबर सेल के सामने अपना बयान दर्ज कराना होगा।

जायसवाल के महाराष्ट्र का DGP रहने के दौरान राज्य के कई बड़े लोगों के फोन टेप करने और उनसे जुड़े दस्तावेज लीक करने का संदेह है। महाराष्ट्र कैडर के 1985 बैच के IPS अधिकारी जायसवाल को इस साल मई में दो साल के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का प्रमुख नियुक्त किया गया था।

मुंबई पुलिस की साइबर सेल ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत इस मामले की जांच कर रही हैं। वहीं, इस मामले की सुनवाई बॉम्बे हाईकोर्ट कर रहा है। पुलिस ने कोर्ट में कहा है कि जायसवाल को समन ई-मेल के जरिए भेजा गया है, जिसमें उन्हें अगले गुरुवार को पेश होने के लिए कहा गया है।

कई अफसरों और मंत्रियों के फोन टेप किए गए

यह पूरा मामला 2020 का है। उस समय राज्य की IPS अफसर रश्मि शुक्ला इंटेलिजेंस विंग की कमिश्नर थीं। उन्होंने 25 अगस्त 2020 को एक खुफिया रिपोर्ट तत्कालीन DGP सुबोध जायसवाल को भेजी थी। इसमें कई IPS अफसरों और मंत्रियों के फोन टेप किए जाने के बाद उनकी बातचीत का ब्यौरा था। जायसवाल ने ये रिपोर्ट अपनी नोटिंग के साथ तत्कालीन ACS होम सीताराम कुंटे को सौंपकर जांच की मांग की थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर महाराष्ट्र के पूर्व CM देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में बड़े ट्रांसफर रैकेट का आरोप लगाया था। उन्होंने कई घंटों की रिकॉर्डिंग केंद्रीय गृह सचिव को सौंपी थी।

इंटेलिजेंस कमिश्नर ने बिना इजाजत फोन टेप कराए

इस मामले में इंटेलिजेंस विंग की कमिश्नर रहीं IPS अफसर रश्मि शुक्ला सवालों के घेरे में हैं। रश्मि पर आरोप है कि उन्होंने न सिर्फ बिना इजाजत कई लोगों के फोन टेप किए, बल्कि इसके रिकॉर्ड विरोधी पार्टियों के नेताओं को लीक कर अपने पद का दुरुपयोग किया। रश्मि शुक्ला ने 2019 के दौरान फोन टेप कराए थे। महाराष्ट्र के DGP संजय पांडे के आदेश पर मार्च के आखिरी सप्ताह में इस मामले में मुंबई की साइबर सेल में एक FIR रजिस्टर हुई थी। हालांकि, यह FIR अज्ञात शख्स के खिलाफ थी, इसलिए रश्मि शुक्ला FIR में आरोपी नहीं है।

चीफ सेक्रेटरी ने भी शुक्ल के खिलाफ की थी जांच

रश्मि शुक्ला के खिलाफ इससे पहले राज्य के चीफ सेक्रेटरी सीताराम जे कुंटे ने भी जांच की है और इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंपी गई है। रिपोर्ट में रश्मि शुक्ला पर फोन टैपिंग करने और गलत आधार पर जानकारी देने का आरोप लगाया गया है। इतना ही नहीं उन पर सरकार को गुमराह करने का आरोप लगा था। रिपोर्ट में कहा गया कि IPS अधिकारी शुक्ला ने इंडियन टेलीग्राफ अधिनियम के तहत फोन टैपिंग के लिए आधिकारिक अनुमति का दुरुपयोग किया है। शुक्ला ने देश की सुरक्षा मामले को आधार बताकर फोन टैपिंग की इजाजत ली थी, लेकिन उन्होंने सरकार को गुमराह कर पर्सनल कॉल रिकॉर्ड किए।

Next Story