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जनरल रावत के वो बयान जो सुर्खियों में रहे

सुजीत गुप्ता
8 Dec 2021 6:59 PM IST
जनरल रावत के वो बयान जो सुर्खियों में रहे
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देश के पूर्व आर्मी चीफ और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत को ले जा रहा वायुसेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर बुधवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की मौत हो गई. एक घायल कैप्टन का इलाज चल रहा है.देश के 27वें आर्मी चीफ रहे जनरल बिपिन रावत को काउंटर इंसर्जेंसी का एक्सपर्ट माना जाता है. लेकिन उनके बयान भी काफी सुर्खियों में रहे हैं. आइए आपको बताते हैं उनके बयानों की फेहरिस्त, जो सुर्खियों में रहे.

जब नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर विरोध-प्रदर्शन चल रहे थे, तब काफी हिंसा देखने को मिली थी. तब आर्मी चीफ रहे जनरल बिपिन रावत ने कहा था, 'लीडर वह नहीं है, जो लोगों को भटकाने का काम करता है. हमने देखा है कि बड़ी संख्या में यूनिवर्सिटी और कॉलेज के छात्र आगजनी और हिंसक प्रदर्शन के लिए भीड़ का हिस्सा बन रहे हैं. इस भीड़ को एक नेतृत्व प्रदान किया जा रहा है लेकिन असल मायने में यह लीडरशिप नहीं है. इसमें कई प्रकार की चीजें चाहिए. जब आप आगे बढ़ते हैं, तो हर कोई आपका अनुसरण करता है. यह इतना आसान नहीं है. यह सरल प्रतीत होता है, लेकिन यह एक बहुत ही जटिल घटना है. असल में लीडर वह है जो आपको सही दिशा में आगे ले जाता है.' उनके इस बयान पर विपक्ष ने जमकर हमला किया था.

साल 2017 में एक कश्मीरी को जीप से आगे बांधने वाले मेजर लितुल गोगोई को तत्कालीन आर्मी चीफ जनरल रावत ने प्रशस्ति पत्र दिया था. जीप के आगे शख्स को बांधने की घटना का ह्यूमन राइट्स और घाटी के लोगों ने कड़ा विरोध किया था. इसके बाद लितुल गोगोई एक कश्मीरी महिला के साथ श्रीनगर के होटल में पाए गए थे, जिस पर भी काफी विवाद हुआ था.

दिसंबर 2019 में बिपिन रावत ने विकलांगता पेंशन को लेकर भी बयान दिया था, जो काफी सुर्खियों में रहा था. उन्होंने कहा था कि कुछ सैनिक खुद को झूठे तौर पर 'विकलांग' बताते हैं ताकि उनको विकलांगता पेंशन मिलती रहे. इस बयान पर भी काफी हंगामा मचा था.

साल 2017 में जनरल रावत ने कश्मीर के पत्थरबाजों पर भी बयान दिया था, जो काफी सुर्खियों में रहा था. जनरल रावत ने कहा था, काश ये लोग हम पर पत्थर की जगह गोलीबारी कर रहे होते...तो मैं ज्यादा खुश होता. तब मैं वो कर पाता, जो मैं करना चाहता हूं. उन्होंने कहा था कि हम एक दोस्ताना आर्मी हैं लेकिन जब हमें कानून एवं व्यवस्था बनाने के लिए बुलाया जाता है तो लोगों को हमसे डरना चाहिए.

इसके अलावा उन्होंने महिलाओं के कॉम्बैट रोल को लेकर भी एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि कॉम्बैट रोल के दौरान महिलाएं ये आरोप लगा सकती हैं कि कपड़े बदलते वक्त पुरुष उनके टेंट में झांक रहे हैं तो हमें उसके आसपास एक चादर डालनी होगी.

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