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रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है| कई भारतीय लोग यूक्रेन में फंसे हुए है, जिन्हें निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा चलाया जा रहा है| इस बीच केंद्र ने बुधवार को केरल उच्च न्यायालय को बताया कि यूक्रेन पर रूसी हमले की शुरुआत के समय से फंसे छात्रों सहित अनुमानित 20,000 भारतीयों में से 60 प्रतिशत ने यूक्रेन की सीमा पार कर ली है और वे सुरक्षित हैं। केंद्र ने कहा कि बाकी लोगों को बचाने के प्रयास जारी हैं।
केंद्र सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया है कि 'ऑपरेशन गंगा' के तहत, कॉमर्शियल विमानों के अलावा, भारतीय वायु सेना की उड़ानों को भी रोमानिया, पोलैंड, हंगरी और यूक्रेन के अन्य पड़ोसी देशों में जा चुके भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन में लगाया गया है।
युद्ध प्रभावित खारकीव में फंसे छात्रों के संबंध में, सरकार ने कहा कि वहां की स्थिति अस्थिर बनी हुई है क्योंकि शहर में भारी गोलाबारी जारी है और इसलिए, "हमारे छात्रों को उनकी शारीरिक सुरक्षा के लिए जहां भी हैं वहीं रहने की सलाह दी जाती है।" केंद्र ने कहा, "जैसे ही स्थिति में सुधार होगा, खारकीव में छात्रों को प्राथमिकता के आधार पर उपयुक्त तरीके से निकाला जाएगा। कीव में हमारा मिशन अधिकांश छात्रों के संपर्क में है और जहां संभव हो वहां प्रावधान उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहा है।"
सरकार ने सहायक सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) मनु एस के माध्यम से अदालत में दायर एक बयान में कहा, "यूक्रेनी अधिकारियों से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है।" केरल हाई कोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन और उसके दो सदस्यों, जिनकी बेटी यूक्रेन में फंसी हुई है, द्वारा वहां फंसे मलयाली छात्रों की सुरक्षित और शीघ्र वापसी के लिए दायर एक याचिका के जवाब में सरकार ने बयान दायर किया था।
बुधवार को याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि अपनी याचिका में जिन छात्रों का उल्लेख किया गया है वे हंगरी में प्रवेश कर गए हैं और सुरक्षित हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि उनकी कुछ अन्य चिंताएं भी हैं और बाद में, अदालत ने मामले को गुरुवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। बयान में, केंद्र ने कहा है कि विदेश मंत्रालय (MEA) 15 फरवरी से एडवाइजरी जारी कर रहा है। एडवाइजरी में बार-बार यूक्रेन में भारतीय नागरिकों को अस्थायी रूप से उस देश को छोड़ने के लिए कहा गया है। केंद्र ने कहा कि आक्रमण शुरू होने के बाद, यूक्रेन से बाहर निकल चुके छात्रों को भारत लाने के लिए 'ऑपरेशन गंगा' शुरू किया। एडवाइजरी के बाद, 16 से 23 फरवरी तक लगभग 4,000 भारतीय कॉमर्शियल उड़ानों से भारत लौटे।
इसके बाद, 1 मार्च तक, 15 निकासी उड़ानें संचालित की गई हैं और आने वाले दिनों में लगभग 5,500 और भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए 26 और फ्लाइट की योजना बनाई गई है। केंद्र ने कहा, "ऑपरेशन गंगा' के तहत, 2,000 से अधिक भारतीय नागरिकों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों (रोमानिया और हंगरी) से भारत वापस लाया गया है। लगभग 6,000 भारतीय नागरिक पहले ही यूक्रेन की सीमाओं को पार कर चुके हैं और वर्तमान में रोमानिया, पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया और मोल्दोवा जैसे यूक्रेन के पड़ोसी देशों में हैं।
बयान में कहा गया, "हर कीमत पर इन भारतीय नागरिकों की भारत सरकार द्वारा देखभाल की जा रही है। और जब तक वे 'ऑपरेशन गंगा' के तहत भारत नहीं पहुंच जाते हैं तब ये प्रयास जारी रहेंगे। अनुमानित 7,000 से 8,000 भारतीय नागरिक यूक्रेन में रह रहे हैं, मुख्य रूप से देश के पूर्व में, जिसके लिए सरकार की ओर से उन्हें जल्द से जल्द वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है।"