Top Stories

यूपी में बिना जांच अब दर्ज नहीं होगी FIR, सीएम योगी ने दिया आदेश

CM Yogi gave big relief, FIR will not be registered in UP without investigation
x

सीएम योगी 

उत्‍तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़े समूह को बड़ी राहत दी है। इसके अनुसार अब ‌पुलिस को FIR दर्ज करने से पहले मामले की जांच करनी होगी। यहां पढ़ें पूरी खबर..

UP News: यूपी में FIR को लेकर बड़ी खबर है। FIR को लेकर सीएम योगी ने एक नया आदेश जारी किया है। जिसमें अब ‌पुलिस को FIR दर्ज करने से पहले मामले की जांच करनी होगी। यानी बिना जांच किए FIR दर्ज नहीं होगी। इसके लिए डीजीपी ने सभी जिलों के लिए आदेश भी जारी कर दिया है। सीएम योगी ने पुलिस पर नकेल कसते हुए एफआईआर से पहले जांच का आदेश दिया है। डीजीपी मुख्यालय ने सभी जिलों और पुलिस कमिश्नरेट को जारी किए गए निर्देशों में कहा है ‌कि प्रदेश के विकास कार्यों को रफ्तार देने के लिए इज आफ डूइंग बिजनेस के प्रति शासन-प्रशासन दृढ़ संकल्पित है। ऐसे में किसी भी उद्यमी, व्यापारी, शैक्षिक संस्था, चिकित्सालय, भवन निर्माता और होटल-रेस्टोरेंट आदि के मालिक या प्रबंधन स्तर के कर्मचारियों का उत्पीड़न न होने पाए। इसके तहत उनके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच होनी आवश्यक है।

हालांकि डीजीपी मुख्यालय ने यह भी स्‍पष्ट किया है कि इन निर्देशों का यह उद्देश्य नहीं है कि संज्ञेय अपराध घटित होने के प्रत्येक मामले में प्रारंभिक जांच कराई जाए। ऐसे मामले, जिनमें शिकायती प्रार्थना पत्र से संज्ञेय अपराध का होना स्पष्ट है, उन मामलों में हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार तत्काल एफआईआर दर्ज की जाएगी।

डीजीपी मुख्यालय का कहना है कि इन निर्देशों को जारी करने का एकमात्र उद्देश्य यह है कि सिविल प्रकृति के विवादों को आपराधिक रंग देते हुए एफआईआर दर्ज कराने की प्रवृत्ति को कम किया जा सके तथा न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग कर एफआईआर दर्ज कराने के अभ्यस्त शिकायतकर्ताओं पर नियंत्रण पाया जा सके। इससे निवेशकों के लिए प्रतिकूल वातावरण होने से बचा जा सकेगा तथा राज्य को अधिक निवेश प्राप्त हो सकेगा।

डीजीपी मुख्यालय से आदेश दिया है कि सभी महत्वपूर्ण संस्थानों-प्रतिष्ठानों जैसे चिकित्सा, शिक्षा व विनिर्माण आदि में आकस्मिक दुर्घटनाओं में एफआईआर दर्ज करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रार्थना पत्र में नामित अभियुक्त का घटना से प्रत्यक्ष संबंध है या नहीं। कहीं आरोपी को व्यवसायिक प्रतिद्वंद्विता, विवाद या स्वेच्छाचारिता के कारण तो नामित नहीं किया जा रहा है या कहीं अनावश्यक दबाव या अनुचित लाभ के उद्देश्य से तो नामित नहीं किया गया है?

Also Read: हरियाणा में बड़ा प्रशासनिक उलटफेर, 16 IAS और 8 HCS अधिकारियों के तबादले

उद् भव त्रिपाठी

उद् भव त्रिपाठी

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज से स्नातक पूर्ण किया हूं। पढ़ाई के दौरान ही दैनिक जागरण प्रयागराज में बतौर रिपोर्टर दो माह के कार्य का अनुभव भी प्राप्त है। स्नातक पूर्ण होने के पश्चात् ही कैंपस प्लेसमेंट के द्वारा haribhoomi.com में एक्सप्लेनर राइटर के रूप में चार महीने का अनुभव प्राप्त है। वर्तमान में Special Coverage News में न्यूज राइटर के रूप में कार्यरत हूं। अध्ययन के साथ साथ ही कंटेंट राइटिंग और लप्रेक लिखने में विशेष रुचि है।

    Next Story