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अब देश का पहला चलता फिरता सीएनजी स्टेशन जानें कहा बनेगा, ऑन कॉल मिलेगी सुविधा
क्या आप कभी सुने है की सीएनजी स्टेशन भी चलता फिरता ईंधन आपूर्ति करता है नही ना ? लेकिन वाराणसी में जल परिवहन को मजबूत करने के लिए गंगा की लहरों पर सीएनजी नावों के संचालन के साथ ही इसमें ईंधन आपूर्ति के लिए देश का पहला चलता-फिरता सीएनजी स्टेशन लहरों पर होगा।
गंगा में खिड़किया घाट से ईंधन भरकर अस्सी घाट से राजघाट के बीच सीएनजी स्टेशन चक्रमण करता रहेगा। इस अनूठे ईंधन केंद्र की फिजिबिलिटी रिपोर्ट के बाद गेल इंडिया ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है। इसके तकनीकी पहलुओं का अध्ययन शुरू करा दिया गया है। खिड़किया घाट पर फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन तैयार करने के बाद गंगा की लहरों पर चलने वाली नावों को मौके पर ईंधन मुहैया कराने के लिए मूविंग सीएनजी स्टेशन की योजना पर काम शुरू किया गया है।
यह सुविधा ऑन कॉल होगा। नाविकों को जब भी सीएनजी की आवश्यकता होगी, यह एक घाट से दूसरे घाट पर पहुंच कर ईंधन उपलब्ध कराएगा। दरअसल, जिला प्रशासन गंगा में पूरी तरह सीएनजी नावों के संचालन की तैयारी में है। यही कारण है कि 400 से ज्यादा नावों में अनुदान के आधार पर सीएनजी इंजन लगा दिया गया है। ऐसे में अब इन नावों को सहूलियत के साथ ही ईंधन आपूर्ति की तैयारी है।
गेल इंडिया के उप महाप्रबंधक गौरीशंकर मिश्रा ने बताया कि गंगा में प्रदूषण रोकने और नाविकों को सस्ते दर पर ईंधन उपलब्ध कराने के लिए घाटों पर सीएनजी स्टेशन बनाया जा रहा है। खिड़किया घाट पर सीएनजी स्टेशन स्थापित किये जाने के बाद गंगा में ईंधन देने वाला के सकेड भी दौड़ेगा।
इस मूविंग सीएनजी स्टेशन के जरिये नावों को गंगा के बीच भी सीएनजी की आपूर्ति की जा सकेगी। इसके लिए गेल की ओर से तकनीकी अध्ययन किया जा रहा है। यह मूविंग सीएनजी स्टेशन होगा, जो हर घाट पर जा सकेगा। इसका टैंक यानी केसकेड में खिड़किया घाट से गैस भरा जाएगा। इसके बाद जरूरत के अनुसार अन्य दूसरे घाटों पर जाकर गैस की आपूर्ति की जाएगी।