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देवरिया हत्याकांड में अवैध निर्माण गिराने पर कोर्ट ने सुरक्षत किया फैसला, जल्द आ सकता है निर्णय

Courts decision regarding illegal construction of accused safe in Deoria murder case
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देवरिया हत्याकांड में अवैध निर्माण गिराने पर कोर्ट ने सुरक्षत किया फैसला।

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में हुए हत्याकांड में अवैध निर्माण को लेकर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है, जिसका फैसला जल्द ही जारी होगा।

Deoria Murder Case: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में हुए हत्याकांड पर प्रदेश की योगी सरकार लगातार आरोपियों पर शिकंजा कस रही है। हत्याकांड मामले में तहसीलदार रुद्रपुर की कोर्ट ने मंगलवार इस मामले की सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया है। सुनवाई के दौरान तहसील परिसर में पूरे दिन गहमागहमी का माहौल बना रहा। शाम को पुलिस ने प्रेमचंद के समर्थकों व सपाइयों को परिसर से बाहर किया गया। जल्द ही बेदखली का आदेश भी जारी होगा।

चल रही थी कानूनी लड़ाई

आपको बता दें कि फतेहपुर के लेहड़ा टोले के रहने सत्यप्रकाश दुबे के भाई ज्ञानप्रकाश दुबे के हक-हिस्से की संपूर्ण भूमि प्रेमचंद व उसके भाई आरोपित रामजी यादव ने बैनामा कराया था। जिसकी कानूनी लड़ाई सत्यप्रकाश दुबे लड़ रहे थे। इसके साथ ही खलिहान, नवीन परती, वन व मानस इंटर कालेज की भूमि पर प्रेमचंद व उसके स्वजन का अवैध कब्जा होने के मामले की लड़ाई का केस भी वही लड़ रहे थे।

2 अक्टबूर को हुआ था हत्याकांड

जमीन के विवाद में 2 अक्टूबर की सुबह लेहड़ा टोले में प्रेमचंद यादव की हत्या हो गई। इसके विराध में प्रेमचंद के स्वजन व उसके समर्थकों ने सत्यप्रकाश दुबे, उनकी पत्नी, दो बेटी व एक बेटे की लाठी-डंडे, धारदार हथियार व गोली मारकर हत्या कर दी। सामूहिक नरसंहार के बाद प्रशासन की नींद टूटी। तीन अक्टूबर को राजस्वकर्मियों ने सरकारी भूमि की पैमाइश की तो प्रेमचंद के पिता रामभवन यादव, चाचा परमहंस यादव व गोरख यादव का अवैध कब्जा पाया गया।

दोबारा भूमि की कराई गई पैमाइश

आरोपितों के अवैध कब्जे को ढहाने के लिए रुद्रपुर तहसीलदार कोर्ट में उप्र राजस्व संहिता 2006 की धारा-67 के तहत पांच मुकदमे दाखिल किए गए, जिसमें शनिवार को सुनवाई की गई। आरोपित रामजी यादव की पत्नी किरन देवी ने पैमाइश को गलत बताते हुए आपत्ति जताई। जिसके बाद सोमवार को फतेहपुर गांव में तहसीलदार अरुण यादव ने कोर्ट लगाया और दोबारा भूमि की पैमाइश कराई।

प्रेमचंद के पिता रामभवन ने खलिहान की पांच डिसमिल, वन व नवीन परती की डेढ़-डेढ़ डिसमिल भूमि पर कब्जा जमाया है। साढ़े छह डिसमिल पर मकान बना है और शेष भूमि उनके कब्जे में है। प्रेमचंद के चाचा गोरख यादव ने खलिहान की डेढ़ डिसमिल व परमहंस यादव ने खलिहान की दो डिसमिल भूमि पर अवैध निर्माण कराया है।

फैसला सुरक्षित

तहसीलदार अरुण यादव ने मंगलवार को तारीख निर्धारित की थी। किरन देवी ने अपने अधिवक्ता गोपी यादव के माध्यम से फिर आपत्ति दी। तहसीलदार ने सुनवाई पूरी करते हुए आदेश सुरक्षित रखा है। उम्मीद है कि जल्द ही अवैध निर्माण ढहाने का आदेश सार्वजनिक होगा।

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उद् भव त्रिपाठी

उद् भव त्रिपाठी

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज से स्नातक पूर्ण किया हूं। पढ़ाई के दौरान ही दैनिक जागरण प्रयागराज में बतौर रिपोर्टर दो माह के कार्य का अनुभव भी प्राप्त है। स्नातक पूर्ण होने के पश्चात् ही कैंपस प्लेसमेंट के द्वारा haribhoomi.com में एक्सप्लेनर राइटर के रूप में चार महीने का अनुभव प्राप्त है। वर्तमान में Special Coverage News में न्यूज राइटर के रूप में कार्यरत हूं। अध्ययन के साथ साथ ही कंटेंट राइटिंग और लप्रेक लिखने में विशेष रुचि है।

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