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गंगा नदी में मिला राम नाम लिखा तैरता पत्थर, देखने के लग रही लंबी गई भीड़

Crowd gathered in Patna to see a stone written on Ram found floating in the Ganges
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गंगा में तैरता मिला राम लिखा पत्थर।

राजधानी के पटना सिटी स्थित राजा घाट के पास शुक्रवार को गंगा नदी में तैरता हुआ एक पत्थर मिला है, जिसे देखने के लिए लोगों भारी भीड़ जुट गई। पढ़िए पूरी खबर

Patna News: बिहार की राजधानी के पटना में कुछ ऐसा दिखा कि देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई। पटना के सिटी स्थित राजा घाट के पास शुक्रवार को गंगा नदी में तैरता हुआ एक पत्थर मिला है, जिसे देखने के लिए लोगों भारी भीड़ लग गई। तैरते हुए इस पत्थर पर भगरान राम का नाम लिखा हुआ है। लोगों ने इस पत्थर को राजा घाट के पास ही एक मंदिर के प्रांगण में रखा है। वहीं, कुछ लोग इस पत्थर को राम शिला कह रहे हैं। इसके बाद स्थानीय लोग इस पत्थर को पूजा करने लगे हैं। इस पत्थर को देख कुछ लोग हैरान हैं तो कुछ श्रद्धा से इसे निहारने पहुंच रहे हैं। इसकी चर्चा पूरे क्षेत्र में चर्चा हो रही है। हालांकि भू वैज्ञानिकों का कहना कई बार पत्थर पुराने हो जाते हैं तो उनमें छेद हो जाते हैं जिसके कारण वह पानी की सतह पर तैरने लगते हैं।

देखने के लिए लगी भीड़

स्थानीय लोगों ने जानकारी दी कि पटना के राजा घाट पर कुछ युवक सुबह नहाने के लिए गए थे। इस दौरान उन्हें गंगा नदी में एक तैरता हुआ पत्थर दिखा। इसके बाद उन्होंने पत्थर को बाहर निकाला। लोगों ने बताया कि देखने से पत्थर हल्का लगा, लेकिन उठाने पर काफी वजन है। इस पत्थर पर राम नाम लिखा था। इसके बाद मंदिर के प्रांगण में रख दिया गया है। वहीं, लोग दूर-दूर से इस पत्थर को देखने के लिए पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही आस्था के साथ लोग पत्थर की पूजा भी कर रहे हैं।

भू-वैज्ञानिक ने बताया तैरने का ये कारण

इस घटना को लेकर जब भू वैज्ञानिकों से पूछा गया तो वैज्ञानिको ने कहा कि जल में तैरने वाले पत्थर प्यूसिम पत्थर के नाम से जाने जाते हैं, ये प्यूसिम पत्थर अंदरूनी तौर पर छिद्रित होते हैं। जिनमें कोष्ठों में हवा भरी होती है। भू-वैज्ञानिकों ने आगे बताया कि जो पत्थर पानी पर तैरते हैं, इनकी आंतरिक संरचना एकदम ठोस न होकर अंदर से स्पंज अथवा डबल रोटी जैसे होती है, जिसमें बीच-बीच में वायु कोष बने होते हैं। इन वायु प्रकोष्ठों के कारण ये पत्थर वजन में भारी होने के बाद भी घनत्व के हिसाब से हल्के होते हैं। इस कारण ये पत्थर पानी में तैर सकते हैं।

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उद् भव त्रिपाठी

उद् भव त्रिपाठी

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज से स्नातक पूर्ण किया हूं। पढ़ाई के दौरान ही दैनिक जागरण प्रयागराज में बतौर रिपोर्टर दो माह के कार्य का अनुभव भी प्राप्त है। स्नातक पूर्ण होने के पश्चात् ही कैंपस प्लेसमेंट के द्वारा haribhoomi.com में एक्सप्लेनर राइटर के रूप में चार महीने का अनुभव प्राप्त है। वर्तमान में Special Coverage News में न्यूज राइटर के रूप में कार्यरत हूं। अध्ययन के साथ साथ ही कंटेंट राइटिंग और लप्रेक लिखने में विशेष रुचि है।

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