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महाराष्ट्र के मंत्री का आरोप, ड्रग्स केस में BJP और NCB की मिलीभगत संभव, बताए वो 3 नाम जिन्हें रेड के बाद छोड़ा गया
मुंबई: मुंबई क्रूज शिप ड्रग्स केस (Mumbai Cruise Ship Drugs Case) में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने एक बार फिर एनसीबी (NCB) की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. एनसीपी प्रवक्ता मलिक ने शनिवार को सवाल उठाया कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने इस केस में 11 लोगों को गिरफ्तार किया था. लेकिन इनमें से 3 लोगों को छोड़ दिया गया. एनसीबी को बताना चाहिए कि किनके निर्देश पर इन लोगों को छोड़ा गया. उन्होंने आरोप लगाया कि एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े और बीजेपी नेताओं के बीच हो रही होगी.
ये हैं वो तीन नाम
महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने ऋषभ सचदेवा की कम्बोज और परिवार के साथ तस्वीरें दिखाईं और कहा कि जिस क्रूज पर 1300 लोग थे, वहां से आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया. हमारे पास जानकारी ये है कि बीजेपी के स्थानीय और दिल्ली में बैठे नेताओं ने ऋषभ सचदेवा, प्रतीक गाबा और आमिर फर्नीचरवाला की रिहाई के लिए फोन कॉल्स किए. समीर वानखेड़े को इस बात का जवाब देना होगा कि आखिर उन्हें क्यों छोड़ दिया गया. उन्हें छोड़ने से पहले उनसे क्या पूछताछ की गई?
NCB का आया जवाब
एनसीबी के मुताबिक, क्रूज से हमने कई लोगों को हिरासत में लिया था, जिनके खिलाफ सबूत मिला, उन पर एक्शन लिया गया, जिनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला उनका बयान लिया गया और जाने दिया गया. एनसीबी ने कहा कि हमारी जांच अभी जारी है. महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने पूरी रेड को सुनियोजित बताया और कहा कि इसे कुछ लोगों को फंसाने के लिए अंजाम दिया गया. समीर वानखेड़े के कॉल रिकॉर्ड की जांच की जानी चाहिए. हमारा विश्वास है कि ऋषभ सचदेवा के पिता ने उसकी रिहाई के लिए फोन कॉल्स किए गए. नवाब मलिक ने केपी गोस्वामी की ओर से दो पंचनामों में दो अलग-अलग पते लिखवाने को लेकर भी निशाना साधा है.