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- 7 दिनों तक मां के शव...
7 दिनों तक मां के शव के साथ सिसकती रही बेटी, पोस्टमार्टम के बाद उलझी मौत की गुत्थी, पुलिस ने कही ये बात
प्रतीकात्मक फोटो
लखनऊ में इंदिरानगर थाना क्षेत्र स्थित मयूर रेजीडेंसी में एक घटना ऐसी हुई जिसने पूरी कालोनी को हैरत में डाल दिया है। यहां रहने वाली रिटायर इंजीनियर सुनीता दीक्षित की आठ दिन पहले मौत हो गई और उनकी 26 साल की बेटी अंकिता शव के साथ ही घर में आठ दिन रही। उसने न रिश्तेदारों को बताया और न ही मोहल्ले में सूचना दी। गुरुवार को दुर्गंध आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
रिटायर्ड इंजीनियर सुनीता दीक्षित के मौत की गुत्थी पोस्टमार्टम के बाद उलझ गयी है। पोस्टमार्टम में सुनीता के पेट मे 140 ग्राम अधपचा खाना और 200 मिली पानी मिला। साथ ही नीले रंग की कोई चीज मिली जिसे जहरीला पदार्थ मानकर विसरा जांच के लिए सुरक्षित किया गया है।
पुलिस ने बुधवार को सुनीता का शव उनके मयूर रेजीडेंसी स्थिति मकान से निकाला था। शव सड़ चुका था और पुलिस बीमारी से मौत का अनुमान लगा रही थी। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस आत्महत्या की आशंका जताकर छानबीन कर रही है। इंदिरानगर इंस्पेक्टर रामफल प्रजापति का कहना है कि विसरा जांच के बाद मौत की वजह स्पष्ट हो पाएगी।
मौत से एक दिन पहले बेटी से हुई थी लड़ाई
पुलिस ने पड़ोसियों से पूछताछ की तो पता चला कि मौत से करीब 10 दिन पहले आखिरी बार मां बेटी की आवाज सुनी गई थी। उसी दिन दोनों में झगड़ा हो रहा था। इसके बाद बाहर के गेट में ताला लगाकर अंदर के कमरे लॉक करके दोनों सो गई।
दो दिन बाद कूड़े वाला आया तो बेटी अंकिता ने दरवाजा नहीं खोला। इसके दूसरे दिन बिजली वाला मीटर रीडिंग लेने आया तब भी दरवाजा नही खुला। पुलिस आशंका जता रही है कि मां बेटी में झगड़ा होने के बाद सुनीता ने अपने बेडरूम का दरवाजा अंदर से लॉक कर जहरीला पदार्थ खा लिया।
यह था मामला
सुनीता एचएएल में इंजीनियर थी। उनका अपने पति रजनीश दीक्षित से तलाक हो चुका था। यहां वह अपनी बेटी अंकिता के साथ रहती थी। यह परिवार किसी से बोलता नहीं था। बुधवार रात को जब पुलिस को सूचना मिली तो एसीपी गाजीपुर सुनील कुमार और इंस्पेक्टर इंदिरानगर वहां पहुंचे थे। एडीसीपी प्राची सिंह ने बताया कि पुलिस पहुंची तो घर से तेज बदबू आ रही थी। अंदर से एक युवती की आवाज आ रही थी। पुलिस ने दरवाजा खटखटाया लेकिन उसने दरवाजा नहीं खोला और न ही जवाब दिया। एक बढ़ई को बुलाकर दरवाजा खुलवाया गया।
पड़ोसियों ने बताया कि पुलिस ने जब दरवाजा खुलवा लिया तो अंकिता सिर्फ इतना बोली कि कांच का गिलास टूट गया है। टुकड़े पड़े हैं। संभल कर आईये। इसके बाद वह कुछ नहीं बोली। पुलिस ने मां की मौत के बारे में उससे कई सवाल किये लेकिन उसने कुछ नहीं बोला।