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विंध्याचल में गंगा नदी में डूबने से मौत का सिलसिला थमा नहीं, आखिर जिम्मेदार कौन?

विंध्याचल में गंगा नदी में डूबने से मौत का सिलसिला थमा नहीं, आखिर जिम्मेदार कौन?
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विंध्याचल के गंगा घाटों पर डूबने की घटनाओं का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। क्यों कि आये दिन विंध्याचल में आने वाले श्रद्धालुओं का दर्शन करने और मुंडन संस्कार कराने का ताता लगा रहता है, इससे पहले जब लोग गंगा स्नान करने जाते है तो हादसे का शिकार हो जाते है इस दौरान तो हर किसी के दिमाग में एक ही सवाल होता है आखिर इस घटना का जिम्मेदार कौन? तो इस सवाल का जवाब स्थानीय लोगो के पास है पहले जान लेते है वो स्थानीय लोगो के जवाब जब गंगा में स्नान के दौरान कोई डूबता है तो जान कैसे जान चली जाती है।

विंध्याचल के घाट पर डूबने से हमेशा बाहरी लोगों की मौत होती है। स्नान करते समय लोग घुटने तक पानी में स्नान करते है फिर एक कदम आगे ही सिर के नीचे पानी आ जाता है। इस कारण हादसा हो जाता है। स्थानीय लोगों को घटनाओं और गंगा नदी में पानी के लेबल का पता रहता है, परंतु बाहरी लोग इससे अंजान रहते हैं। इस कारण वे गंगा नदी में डूब जाते हैं।

एक मई की घटना

एक मई को सुबह परशुराम घाट पर गंगा स्नान करते समय भाई-बहन गहरे पानी में जाने से डूब गए। बतादें कि जौनपुर जिले के मछलीशहर निवासी एक परिवार के 18 लोग एक मई की सुबह मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने पहुंचे। दर्शन- पूजन करने से पहले सभी लोग परशुराम घाट पर स्नान करने पहुंचे। परिवार के युवा लड़के-लड़कियां गंगा में स्नान कर रहे थे। इस दौरान ऋषि तिवारी (26) पुत्र दिलीप तिवारी और उसकी बहन खुशी तिवारी (20) स्नान करते समय डूबने लगी। उनको डूबता देख मौके पर मौजूद मल्लाहों ने गंगा में छलांग लगाकर दोनो को बाहर निकालकर सीएचसी ले गए, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया स्थानीय लोगों में घटना को लेकर आक्रोश है। उनका कहना है कि विंध्याचल में लगातार इस तरह के हादसे होते रहते हैं लेकिन बचाव के उपाय नहीं किए जा रहे।

3 मई को विंध्याचल स्थित दीवान घाट की घटना

अक्षय तृतीया के मौके पर तीन मई को दर्शन-पूजन के लिए भदोही जनपद के ज्ञानपुर लाला नगर निवासी राहुल यादव (20) पुत्र पंचम यादव अपने परिवार के साथ मंगलवार सुबह विंध्याचल पहुंचा था। दीवान घाट पर परिवार के सभी सदस्य स्नान कर रहे थे। इस दौरान राहुल का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चला गया। शोर मचाने पर स्थानीय गोताखोरों ने तलाश कर आधे घंटे बाद उसे बाहर निकाला। आननफानन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां से मंडलीय चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। मंडलीय अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टर ने राहुल को मृत घोषित कर दिया।

6 मई को दो घटना पहली अखाड़ा घाट पर तो दुसरी दिवान घाट पर

बिहार के बक्सर जिले में थाना धनेश्वरी के अन्तगर्त पुल्का गांव आता है वही के दयानंद सिंह का परिवार मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन करने के लिए विंध्याचल पहुंचा लेकिन दर्शन से पहले अखाड़ा घाट पर गंगा स्नान के दौरान उनका पुत्र दिव्यांशु कुमार सिंह 12 वर्ष का स्नान के दौरान गंगा नदी में डूब गया। शोर मचाने पर घाट पर मौजूद गोताखोरों ने गंगा नदी में कूद कर उसकी तलाश शुरू की। तकरीबन डेढ़ घंटे बाद स्थानीय गोताखोरों ने डूबे युवक को बाहर निकाल कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विंध्याचल पहुंचाया। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

6 मई को ही दुसरी घटना दिवान घाट पर

सुबह के हादसे का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ था कि शाम को एक और किशोर डूब गया। अंबेडकरनगर जिले के थाना बेवाना गांव के गोपालपुर गांव से छह लोग मुंडन संस्कार के लिए विंध्याचल पहुंचे। दोपहर बाद तीन बजे बरतर तिराहा पर वाहन स्टैंड में गाड़ी खड़ी कर दीवान घाट किनारे मुंडन संस्कार कराया। इसके बाद परिवार के सदस्य एक-एक कर गंगा स्नान करने लगे। गंगा स्नान करते समय चंद्रभान पाल (17) पुत्र रामलाल पाल गहरे पानी में जाने से डूब गया। शोर मचाने पर स्थानीय गोताखोरों ने खोजबीन शुरू की। देर शाम तक उसका पता नहीं चल सका था। हादसे के बाद मां अजोरा देवी का रो-रो कर बुरा हाल था।

लगातार हादसों से सबक नहीं ले रहा जिला प्रशासन

आदि शक्ति जगत जननी मां विंध्यवासिनी के दरबार में प्रतिदिन हजारों की संख्या में दर्शन पूजन करने के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं। नवरात्र के दिनों में जिला एवं पुलिस प्रशासन की ओर से विंध्य क्षेत्र के समस्त गंगा घाटों पर बैरिकेडिंग, प्रकाश व्यवस्था, जल पुलिस, पीएससी, एनडीआरएफ एवं स्थानीय गोताखोरों की ड्यूटी लगाई जाती है। ताकि नवरात्र के दिनों में कोई अप्रिय घटना न घट सके।

जैसे ही नवरात्र समाप्त होता है, जिला व पुलिस प्रशासन की सारी व्यवस्था हटा दी जाती है। व्यवस्था नहीं रहने के कारण आए दिन गंगा नदी में श्रद्धालुओं की डूब कर जान चली जा रही है। जब कोई घटना घटती है तो पुलिस प्रशासन की तरफ से सिर्फ कागजी औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं।

इसके बाद निर्देश दिया जाता है कि समस्त गंगा घाटों पर व्यवस्था उपलब्ध कराई जाय, लेकिन कुछ दिन बीत जाने के बाद फिर पहले जैसी ही स्थिति हो जाती है। गंगा नदी में डूबने का सिलसिला जारी है। नवरात्र के उपरांत बक्सर बिहार के एक युवक की गंगा नदी में डूबने से मौत हुई थी।

नवंबर 2021 मे नाव हादसा

बीते वर्ष नवंबर में झारखंड के रांची से आए गंगा नदी पार कर स्नान कर लौटते समय अनियंत्रित होकर नाव पलट गई थी। जिसमें 14 लोग डूबने लगे थे। मौके पर 8 को बचा लिया गया था लेकिन छह लोग नाव सहित आज तक लापता हैं। मां विंध्यवासिनी के दरबार में विंध्य कॉरिडोर बनाया जा रहा है, परंतु गंगा में डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।


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