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विशेष राज्य के दर्जे की मांग किसी के खिलाफ नहीं :नीतीश

विशेष राज्य के दर्जे की मांग किसी के खिलाफ नहीं :नीतीश
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कुमार कृष्णन

पटना।विशेष राज्य के दर्जे की मांग से संबंधित प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट आयी है। नीति आयोग का मतलब है नेशनल इंस्टीच्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया। आप पिछड़े राज्यों को ट्रांसफॉर्म किए बिना भारत को कैसे ट्रांसफार्म कर सकते हैं। जो राज्य पिछड़ा दिख रहा है उसके उत्थान के लिए आपको काम करना होगा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की बैठक में हमने कई बातों का जिक्र किया है। सरकार की तरफ से नीति आयोग को पत्र लिखा गया है, किसी मंत्री की तरफ से नहीं, मंत्री जी का विभाग है इसलिए उन्होंने पत्र लिखा है।

नीति आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आंकलन कर पत्र लिखा गया है। बिहार के बारे में एक-एक चीजों का जिक्र किया गया है। वर्ष 2005 में बिहार की क्या स्थिति थी। जब से हमलोगों को काम करने का मौका मिला है बिहार के विकास के लिए हमलोग लगातार काम करते आ रहे हैं। विकास के कई काम किए गए हैं। राज्य सरकार का वर्ष 2004-05 में बजट का आकार 23 हजार 885 करोड़ था जो 2021-22 में बढ़कर 2 लाख 18 हजार करोड़ हो गया है।

वर्ष 2009 में रिपोर्ट आयी थी उसके अनुसार राज्य का औसत विकास दर 10.5 था, जो देश के किसी अन्य राज्यों से सबसे ज्यादा था। हमलोग काम कर रहे है इसलिए विकास दर बढ़ रहा है। राज्य सरकार की मेहनत का ही नतीजा है कि राज्य का विकास दर देश में अन्य राज्यों से बेहतर रहा। नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को पिछड़ा राज्य बताया जा रहा है। वर्ष 2004-05 में वर्तमान मूल्यों पर प्रति व्यक्ति आय 7 हजार 914 रुपए था, जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 50 हजार 735 रुपये हो गया। हर घर नल का जल पहुंचाया जा रहा है। हर घर तक बिजली पहुंचाई जा रही है। हर घर तक पक्की गली और नाली का निर्माण किया जा रहा है। कई सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। कानून व्यवस्था ठीक की गई है। दंगा-फसाद नियंत्रित किया गया है। महिलाओं, अतिपिछड़ों, एस0सी0-एस0टी0, अल्पसंख्यकों सहित सभी वर्गों का विकास किया गया है।

हम लोगों ने सभी के उत्थान के लिए काम किया। जीविका समूह बिहार में बनाया गया जो काफी अच्छा काम कर रहा है। उस समय की केंद्र की सरकार ने पूरे देष में इसे आजीविका नाम से अपनाकर क्रियान्वित किया। हमलोग राज्य का विकास कर रहे हैं लेकिन राज्य पिछड़ा है उसका सबसे बड़ा कारण है कि बिहार क्षेत्रफल के हिसाब से देश में 12वें स्थान पर है, जबकि आबादी के मामले में पूरे देश में तीसरे स्थान पर है। यू0पी0 और महाराष्ट्र के बाद बिहार तीसरे नंबर पर है। कुछ दिनों में यह दूसरे स्थान पर हो जाएगा। क्षेत्रफल के हिसाब से जनसंख्या कितना अधिक है। हमलोगों को जबसे काम करने का मौका मिला उस समय प्रजनन दर 4.3 था। प्रजनन दर घटाने के लिए काम किया गया।

जब सर्वेक्षण कराया गया तो पता चला कि पति-पत्नी में जब पत्नी मैट्रिक पास है तो बिहार का प्रजनन दर 2 था और देश का भी प्रजनन दर 2 था। अगर पति-पत्नी में पत्नी इंटर पास है तो बिहार का प्रजनन दर 1.6 और देश का प्रजनन दर 1.7 था। इससे यूरेका की भावना आयी और हमने निर्णय किया कि सभी पंचायतों में इंटर तक की पढ़ाई की व्यवस्था करेंगे, जिससे प्रजनन दर घटेगा। लड़कियों को पढ़ाने के लिए काम किया गया। पोशाक योजना से शुरु कराकर साइकिल योजना चलायी गई। साइकिल योजना हमलोगों ने शुरु किया जो पूरे देशभर में कहीं नहीं थी। दूसरे देश से लोग यहां आकर सर्वे किये थे और इस योजना की तारीफ किए थे। बाद में हमलोगों ने लड़कों के लिए भी साइकिल योजना की शुरुआत की। मैंट्रिक में पढ़ने वाले लड़के और लड़कियों की संख्या बराबर हो गई है।

जो प्रजनन दर 4.3 था वह वर्ष 2012-13 में घटकर करीब 3.5 हो गया और अब 3 पर आ गया है। हमलोग जिस प्रकार काम कर रहे हैं बिहार का प्रजनन दर घटकर 2 पर आ जाएगा। बिहार का क्षेत्रफल कम है और आबादी कम है तो प्रति व्यक्ति आय अधिक कैसे होगा। वर्ष 2019-20 के आंकड़े के अनुसार देश का प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 34 हजार 432 रुपया है और बिहार का 50 हजार 735 रुपया है। हमलोग अगर सबसे पीछे हैं तो इसका विकास करना है इसीलिए हमलोगों ने विशेष राज्य के दर्जे की मांग की है। विशेष राज्य के दर्जे की मांग हमलोग बहुत पहले से करते रहे हैं। इसके लिए हमलोगों ने सर्वेक्षण कराकर एक-एक रिपोर्ट भी दिया। हमलोग सबसे पीछे हैं तो विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। विशेष राज्य का दर्जा मिलने से सबसे बड़ा फायदा होगा कि केंद्र की जो योजनाएं चलती हैं इसमें शेयर 90ः10 हो जाएगा। अभी 60ः40 या 50ः50 है। इससे राज्य का कुछ और पैसा बचेगा उस पैसे से राज्य का विकास होगा और तब विकास दर और तेजी से बढ़ेगा और राज्य विकसित हो जाएगा।

अगर किसी ने कुछ बोला है तो उन्हें पूरी जानकारी नहीं होगी। बिहार सबसे पिछड़ा राज्य है अगर इसको विकसित नहीं कीजिएगा तो इंडिया कैसे ट्रांसफॉर्म होगा। क्या इंडिया के विकसित राज्यों का ट्रांसफॉर्मिंग होना है कि पिछड़े राज्यों का भी होना है। विशेष राज्य के दर्जे की मांग किसी के खिलाफ नहीं है बल्कि राज्य के हित में है। राज्य के पिछड़ेपन को खत्म करने की बात है। हमलोग अपने तरफ से कई प्रकार से विकास के काम कर रहे हैं और केंद्र की योजनाओं से भी विकास के काम किए जा रहे हैं। कई राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ है, उन्हें काफी फायदा हुआ है। इसी प्रकार का एडवांटेज बिहार और इस तरह के अन्य पिछड़े राज्यों को मिलेगा तो राज्य और आगे बढ़ेगा।

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