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मुख्यमंत्री के आदेश पर भारी पड़ रहे जिला पंचायत के अधिकारी
फतेहपुर । जनपद में मौरंग खदानों से निकलने वाले परिवहन पर जिला पंचायत की दस्तावेजी वसूली अवैध तरीके से हो रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों को धता बताकर जिला पंचायत बैरियर के गुंडे लाठी-डंडों के दम पर अवैध वसूली को अंजाम दे रहे हैं। सूबे के मुखिया की नाराजगी के बाद भी जिला प्रशासन अवैध वसूली पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है।
आपको बता दे कि जिला पंचायत की अवैध वसूली मोरंग लदे ट्रकों से लाठी डंडे के दम पर दस्तावेजी तरीके से की जा रही है। इसका जीता जागता सबूत फर्म के कर्मचारियों द्वारा पर्चियां काटकर की जा रही खुली वसूली है। प्रतियों में प्रिंट 200 है मगर जिला पंचायत के गुर्गे ट्रक चालकों से ₹300 तक वसूल करते हैं। मां शक्ति कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर्स को अप्रैल 2021 में तथाकथित टेंडर मिला। टेंडर मिलते ही फर्म ने खनिज के उद्गम स्थल के समीप से वसूली प्रारंभ की और खदानों के बंद हो जाने के बाद डंप चलने पर फर्म का वसूली कार्यक्रम अनवरत चलता रहा।
जनपद में बड़े पैमाने पर जिला पंचायत ठेकेदार द्वारा धांधली करके अवैध तरीके से वसूली की गई। सारा खेल स्थानीय पुलिस व अधिकारियों के इर्द-गिर्द ही खेला गया। खदान बन्द होने पर वसूली हाईवे पर लगे मौरंग के डंपो से बतौर गुंडे लगाकर अवैध तरीके से हुई। लेकिन निचले स्तर से लेकर उच्च अधिकारियों तक इसकी भनक नहीं लगी, यह सुनने में बात बड़ी अटपटी लग रही है। जब जानकारी दैनिक अखबार के माध्यम से उच्च अधिकारियों को हुई तो मामले को संज्ञान में लेकर एकदम से जिला पंचायत की वसूली बंद करवा दी। अब सब जानने के बाद उच्च अधिकारियों का ठेकेदार पर मेहरबान होकर कार्यवाही न कर मौन व्रत धारण कर लेना उनकी ही सत्य निष्ठा को कटघरे में खड़ा करती है। जबकि मुख्यमंत्री के शासनादेश के अनुसार जिला पंचायत की वसूली पूर्णतया अवैध है। जिला प्रशासन को संज्ञान में लेकर इसको बंद करवा कर संबंधित ठेकेदार द्वारा की गई मानक विहीन वसूली की रिकवरी होनी चाहिए। इतना सब होने के बाद भी अढ़ावल प्वाइंट पर लोक निर्माण विभाग की रोड से जिला पंचायत का अवैध वसूली निरंतर जारी है।