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बच्चे को गोद मे बैठाकर सडको पर दौडाती है ई- रिक्शा,जानिए एक महिला की दर्द भरी दास्तां
उत्तर प्रदेश के नोएडा में रहने वाली इस महिला ने अपनी सारी जिम्मेदरियों को बखूबी संभाला है. इस महिला का नाम चंचल शर्मा बताया जा रहा है अपने बच्चे के लिए महिला जिस तरह का जीवन जी रही है, उसके बारे में जानकर सभी लोग उसके फैन बन रहे हैं. बता दें कि चंचल शर्मा ज्यादातर पुरुषों के द्वारा ड्राइव किए जाने वाले ई-रिक्शे को चलाने का काम करती हैं.
फिल्म नहीं सच्ची घटना है
आपको इस महिला की कहानी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं लगेगी. महिला रोजी-रोटी कमाने के लिए अपने कंधे से बच्चे को बांधकर ई-रिक्शा चलाती है. सुबह 6:30 बजे से अपने वाहन को सड़क पर लेकर जाती हैं और यात्रियों को उनके स्थान तक पहुंचाती हैं. दोपहर में बच्चे को नहलाकर फिर से ई-रिक्शा चलाने में जुट जाती हैं.
पैसे कमाने के लिए चलाती हैं ई-रिक्शा
नोएडा सेक्टर 62 से लेकर नोएडा सेक्टर 59 के बीच चंचल ई-रिक्शा ड्राइव करती हैं. सड़क पर इन्हें देखकर नजरअंदाज कर पाना लगभग नामुमकिन है. आपको जानकर हैरानी होगी कि अपने बच्चे के जन्म के महज ढाई महीने बाद ही चंचल ने नौकरी तलाशना शुरू कर दिया था. लेकिन फिर अपने बेटे को कहीं छोड़ने की व्यवस्था न बन पाने पर महिला को ई-रिक्शा खरीदना पड़ा. इस तरह से महिला अपने बेटे को अपने साथ ही रख सकती थी
लोगों को मोटिवेट कर रही कहानी
चंचल अपने पति से अलग हो चुकी हैं और एक कमरे में अपनी मां के साथ रहती हैं. उनकी मां भी ठेले पर प्याज बेचती हैं. दिन के 700 रुपये की कमाई में से 300 रुपये प्राइवेट एजेंसी को जाते हैं जिसने चंचल को कर्ज दिया था. ये महिला अपने बेटे को एक बेहतर जीवन देने के लिए लगातार कोशिशों में जुटी हुई है