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वाराणसी में ED का बड़ा एक्शन, साइन सिटी की करोड़ों की सम्पत्ति की जब्त

ED has seized Shine Citys land worth Rs 100 crore in Varanasi.
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वाराणसी में ED का बड़ा एक्शन।

वाराणसी में प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने कार्यवाही करते हुए साइन सिटी की 100 करोड़ की जमीन जब्त कर ली है।

Varanasi News: प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने वाराणसी में बड़ी कार्यवाही की है। बिल्डिंगों में करीब 60 हजार करोड़ रुपए निवेश करवाकर रफूचक्कर होने वाले शाइन सिटी पर ED ने कड़ा रुख अपना लिया है। प्रवर्तन निदेशालय ने शाइन सिटी की 100 करोड़ की जमींन जब्त कर ली है। यह कार्रवाई ED ने वाराणसी के राजातालाब इलाके में की है। यहां छोटे काश्तकारों से कृषि भूमि खरीदने के अनुबंध किए थे, जिसपर रियल स्टेट प्रोजेक्ट चलाने की तैयारी थी। यह जानकारी गुरुवार को लखनऊ स्थित ED कार्यालय से दी गई।

रियल स्टेट प्रोजेक्ट लांच करने का दिखाया था सपना

खबर के मुताबिक शाइन सिटी के संचालक राशिद नसीम, उसके भाई आसिफ नसीम, अमिताभ श्रीवास्तव और मीरा श्रीवास्तव आदि ने वाराणसी के राजातालाब एरिया में छोटे काश्तकारों से कृषि भूमि रियल स्टेट प्रोजेक्ट के नाम पर खरीदने के अनुबंध किए थे। इसके बाद इसी भूखंड को लुभावनी स्कीम पर निवेशकों को देने के नाम पर करोड़ों रुपए हड़प लिए और सभी फरार हो गए।

17.92 करोड़ जमीनों की हुई थी खरीदी

ED की जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि साल 2015 में राजातालाब इलाके में कई बीघा जमीन जो की कृषि भूमि थी वो शाइन सिटी कम्पनी के नाम से 17.92 करोड़ में खरीदी गई थी। इस सम्बन्ध में कई निवेशकों ने वाराणसी के विभिन्न थानों में मुकदमा दर्ज करवाया है। ईडी ने सभी सम्पति को जब्त कर लिया है और इसकी खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है। इस कीमत 100 करोड़ रुपए आंकी गई है।

वाराणसी में ED का बड़ा एक्शन, साइन सिटी की 100 करोड़ की जमीन की जब्तED की जांच में शाइन सिटी के मालिकों ने न सिर्फ निवेशकों को ठगा बल्कि अपने एजेंटों को भी ठगा है। जांच में पता चला है कि जो भूखंड एजेंटों ने बेचे थे उसके लिए उन्हें कमीशन के चेक मिले थे। शाइन सिटी के मालिकों ने यहां भी ठगी की और सभी के चेक बाउंस हो गए। शाइन सिटी के भागने पर जब निवेशकों ने एजेंटों पर पैसे का दबाव बनाया तो एजेंटों ने भी शाइन सिटी पर मुकदमा दर्ज करवा दिया।

यूपी बिहार तक फैला है साइन सिटी का कारोबार

राशिद व उसके सहयोगियों ने उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल व अन्य राज्यों में भी बड़ी संख्या में जमीनें खरीदी थीं। जमीनें किसानों से खरीदकर निवेशकों को प्लाटिंग की आकर्षक योजनाओं का झांसा दिया था और उनकी गाढ़ी कमाई लूटकर भाग निकले थे।

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उद् भव त्रिपाठी

उद् भव त्रिपाठी

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज से स्नातक पूर्ण किया हूं। पढ़ाई के दौरान ही दैनिक जागरण प्रयागराज में बतौर रिपोर्टर दो माह के कार्य का अनुभव भी प्राप्त है। स्नातक पूर्ण होने के पश्चात् ही कैंपस प्लेसमेंट के द्वारा haribhoomi.com में एक्सप्लेनर राइटर के रूप में चार महीने का अनुभव प्राप्त है। वर्तमान में Special Coverage News में न्यूज राइटर के रूप में कार्यरत हूं। अध्ययन के साथ साथ ही कंटेंट राइटिंग और लप्रेक लिखने में विशेष रुचि है।

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