Maharashtra Politcal Crisis: बागी विधायक शिंदे ने अयोग्यता नोटिस के खिलाफ किया SC का रुख
Maharashtra Politcal Crisis: महाराष्ट्र में शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने और 15 अन्य बागी विधायकों को विधानसभा उपाध्यक्ष द्वारा भेजे गये अयोग्यता नोटिस के खिलाफ रविवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ सोमवार को शिंदे की याचिका पर सुनवाई कर सकती है. शिंदे और शिवसेना के विधायकों का बड़ा हिस्सा 22 जून से असम की राजधानी गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए है.
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला बागी गुट मांग कर रहा है कि शिवसेना को महा विकास आघाड़ी गठबंधन से हट जाना चाहिए, लेकिन शिवसेना सुप्रीमो और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हार मानने से इनकार कर दिया है. पार्टी ने अब असंतुष्टों से कहा है कि वे इस्तीफा दें और फिर से चुनाव लड़ें. एमवीए में कांग्रेस और एनसपी भी शामिल हैं.
महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय ने इन बागी विधायकों को अयोग्य ठहराये की मांग पर शनिवार को 16 बागी विधायकों को 'समन' जारी कर 27 जून की शाम तक लिखित जवाब मांगा था. महाराष्ट्र विधान भवन के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत द्वारा हस्ताक्षरित, शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु द्वारा नामित सभी 16 विधायकों को एक पत्र में समन भेजा गया था.
शिवसेना के दो-तिहाई से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा करने वाले शिंदे समूह ने तर्क दिया है कि प्रभु के स्थान पर भरत गोगावाले को पार्टी का सचेतक नियुक्त किया जा चुका है. गुवाहाटी में, सूत्रों ने कहा कि विधायक रविवार सुबह से बैठक कर रहे थे और नोटिस जारी होने के बाद विभिन्न विकल्पों पर चर्चा कर रहे थे.
शिंदे के साथ डेरा डाले हुए हैं बागी
इस बीच, महाराष्ट्र के एक अन्य मंत्री उदय सामंत रविवार को गुवाहाटी पहुंचे और असंतुष्ट खेमे में शामिल हो गए. सामंत का काफिला असम पुलिस के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग 37 के पास रैडिसन ब्लू होटल में प्रवेश करते देखा गया. अब तक महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री गुलाबराव पाटिल, दादा भुसे, संदीपन भुमरे और राज्य मंत्री शंबुराजे देसाई और अब्दुल सत्तार विद्रोही खेमे में शामिल हो चुके हैं. एक अन्य मंत्री प्रहार जनशक्ति पार्टी के बाचु कडू और शिवसेना कोटे से निर्दलीय मंत्री राजेंद्र येद्रावकर भी शिंदे के साथ डेरा डाले हुए हैं.