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4 मौत के बाद भी अस्पताल संचालक पर मेहरबान है स्वास्थ्य और पुलिस विभाग
कौशाम्बी मौत का खेल खेलने वाले अस्पताल संचालकों पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी किस कदर मेहरबान है इसका जीता जागता उदाहरण पिपरी थाना क्षेत्र के तिल्हापुर मोड़ के नर्सिंग होम में देखा जा सकता है इस अस्पताल में एक के बाद एक 4 मरीजों की मौत हो चुकी है लेकिन अस्पताल संचालक का बाल बांका नहीं हो सका है कानूनी मकड़जाल में उलझा कर अस्पताल संचालक को जिम्मेदारों द्वारा बार बार बचाया जा रहा है जिससे योगी सरकार की व्यवस्था पर बदनुमा दाग लग रहा है मौत के बाद अस्पताल सीज कर दिया जाता है. लेकिन फिर अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग द्वारा खोल दिया जाता है या फिर चिकित्सक दंपत्ति द्वारा अस्पताल का ताला तोड़कर अस्पताल का संचालन शुरू कर दिया जाता है कई बार अस्पताल का बोर्ड भी बदला जा चुका है लेकिन अस्पताल का संचालन उसी चिकित्सक दंपत्ति द्वारा होती हैं जहां मौतें होती हैं इसके पीछे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा मौत का खेल खेलने वाले चिकित्सक से मोटी रकम वसूली की बात आ रही है पुलिस भी फिर मोटी रकम वसूल रही है.
पिपरी थाना क्षेत्र के तिल्हापुर मोड़ स्थित गणेश हास्पिटल एंड अल्ट्रासाउंड सेंटर पर फिर नसंबदी का आपरेशन कराने के बाद एक महिला की हालत बिगड़ गई शिकायत पर स्थानीय पुलिस के साथ पहुंची डाक्टरों की टीम ने अस्पताल को तीसरी सीज करते हुए आरोपी संचालक के खिलाफ एफआइआर के निर्देश दिए लेकिन अब तक डॉक्टर दम्पत्ति की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। वहीं प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई.
गणेश हॉस्पिटल में मौत का केस
कौशाम्बी पिपरी थाना क्षेत्र के कुंदनपुर गांव निवासी जानकी देवी पत्नी दिनेश कुमार शुक्रवार को नसबंदी का आपरेशन कराने के लिए तिल्हापुर मोड़ बाजार में संचालित होने वाले गणेश हास्पिटल एंड अल्ट्रासाउंड सेंटर गई थी। आरोप है कि वहां पर मौजूद अस्पताल संचालक और नर्स आदि अन्य स्टाफ ने शनिवार को नसबंदी का आपरेशन किया लेकिन लापरवाही के कारण खून अधिक निकल जाने से महिला की हालत गंभीर हो गई। परिजनों ने जब संचालक से शिकायत किया तो इलाज के लिए उसे तीन दिनों तक इधर उधर भटकाया गया। इस बात को लेकर नाराज परिवारीजनों और रिश्तेदारों ने बुधवार को निजी अस्पताल का घेराव किया। आरोप है कि अस्पताल में लोगों के पहुंचने पर आरोपित संचालक ने पीड़ित महिला के परिवारजनों को धमकी दी। इस पर महिला के स्वजनों ने इसकी शिकायत सीएमओ से की। दोपहर बाद मौके पर पहुंचे अपर मुख्य चिकित्साधिकारी हिंद प्रकाश मणि ने अस्पताल को सीज करते हुए संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तहरीर पिपरी पुलिस को दिया था। वहीं पीड़ित महिला का इलाज प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में चल रहा था। शुक्रवार की शाम समय करीब छह बजे महिला की मौत हो गई है। पीड़ित स्वजनों का आरोप है कि पुलिस ने तहरीर पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं किया। घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
गणेश हॉस्पिटल में मौत का दूसरा केस
कौशाम्बी पिंपरी के अलामपुर निवास सुमन (25) पत्नी स्व. सुखलाल को अचानक पेट में दर्द हुआ तो सूचना पर पहुचे उसके पिता श्याम लाल निवासी मोहद्दीनपुर उसे तिल्हापुर मौड़ बाजार स्थित गांगोत्री अस्पताल ले गए। पिता का आरोप है सब कुछ ठीक हो जाने के बाद भी बिना परिजनों को जानकारी दिए डाक्टर ने आपरेशन कर दिया, जिससे महिला की हालात बिगड़ने लगी। इसके बाद इलाज के दौरान रात करीब 11 बजे उसकी मौत हो गई। उसकी जानकारी होने पर परिजनों ने जमकर हंगामा काटा था। सूचना पर पुलिस लोगों को शांत कराके शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था। मामले में पिता की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज किया था। मामला 03 अक्टूबर 2017 का है
गणेश हॉस्पिटल में मौत का तीसरा केस
कौशाम्बी नेवादा के गौरा निवासी सुखराज की पत्नी निराशा देवी को 21 मई 2018 की सुबह प्रसव पीड़ा हुई। परिजन उसे प्रसूता को तिल्हापुर मोड़ स्थित गांगोत्री अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया। नर्सिंग होम संचालक ने 25 हजार और खून के लिए सात हजार रुपये की मांग की। परिजनों के अनुसार उन्होंने संचालक को 30 हजार रुपये जमा किया। पैसा जमा होने के बाद | डाक्टर महिला को आपरेशन थियेटर में ले गया। डाक्टर की लापरवाही से आपरेशन के दौरान नवजात की मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद खून चढ़ाने से प्रसूता की हालत और बिगड़ने लगी। बच्चे मौत से परिजन अस्पताल में हंगामा करने लगे। संचालक ने प्रसूता को अस्पताल से बाहर निकाल दिया था।
गणेश हॉस्पिटल में मौत का चौथा केस
कौशाम्बी विकास खंड चायल के कटरा गांव निवासी शिव प्रकाश ने प्रसव के लिए अपनी पत्नी को इसी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां आपरेशन के द्वारा प्रसव कराया गया। जिसमें कुछ ही समय बाद नवजात की मौत हो गई है। जिसमें स्वजनों ने अस्पताल में हंगामा काटा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर केस दर्ज किया था।
गणेश हॉस्पिटल में मौत का पाँचवा केस
कौशांबी जाठी गांव कौशाम्बी थाना निवासी कल्लू केशरवानी की बेटी मोनी केशरवानी 20 वर्षीय की शादी पिपरी के तिल्हापुर मोड निवासी अजय उर्फ बब्लू केशरवानी के साथ हुई थी। अजय ने मोनी को प्रसव के लिए 26 जून 2021 को गणेश अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां पर बच्चे को जन्म देने के बाद अस्पताल संचालकों की लापरवाही से मोनी केशरवानी की मौत हो गई। स्वजनों ने डाक्टर पर लापरवाही का आरोप लगा कर हंगामा शुरू किया मुकदमा दर्ज हुआ लेकिन डॉक्टर गिरफ्तार नही हो सका
मौत का खेल खेलने वाले अस्पताल संचालकों का यह कारनामा तो कुछ उदाहरण है इस अस्पताल में इलाज में लापरवाही से आए दिन मरीजो की मौत होती हैं लेकिन अस्पताल संचालक पर स्वास्थ्य विभाग से लेकर पुलिस तक मेहरवान है जिससे अस्पताल संचालक का बाल बाँका नही हो सका है आखिर योगी राज में मौत का खेल खेलने वाले अस्पताल संचालक के कारनामो पर कब कार्यवाही होंगी जनता इसका जबाब योगी सरकार उनके अधिकारियों और उनके जनप्रतिनिधियों से चाहती है
विजय कुमार पत्रकार