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औरत की इज़्ज़त,किसान की फ़सल ओर सैनिक की जान को छोड़ कर सब कुछ महँगा है इस देश में

Shiv Kumar Mishra
12 Jan 2021 6:15 AM GMT
औरत की इज़्ज़त,किसान की फ़सल ओर सैनिक की जान को छोड़ कर सब कुछ महँगा है इस देश में
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औरत की इज़्ज़त,किसान की फ़सल ओर सैनिक की जान को छोड़ कर सब कुछ महँगा है इस देश में. यह बात हरियाणा के बॉक्सर विजेंद्र सिंह ने कही है. बात में बिलकुल दम है. यह बात उन्होंने तब कही है जब पूरे देश का किसान आंदोलन कर रहा है.

विजेंद्र सिंह के मुताबिक इस देश में सबसे आसान महिला की इज्जत है जब चाहो धज्जियां उड़ा दो. जब चाहे उसके साथ जो भी व्यवहार करो यह आप पर निर्भर करता है. जिस तरह अभी हाल फिलहाल में यूपी के बदायूं , हाथरस और मध्यप्रदेश के सीधी में जो बर्बरता की घटना सामने आई है उससे पूरे देश का सर शर्म से झुक गया है. जिस तरह से आरोपियों ने घटना को अंजाम दिया है वो वाकई शर्मनाक है.

जहां महिलाओं से गेंगरेप के साथ उनके अंगों को छतिग्रस्त करने का अब एक नया चलन हवसियों ने शुरू किया है उससे औरत की इज्जत की धज्जियाँ उड़ गई है. फिलहाल इसका मुकाबला भी करना होगा.

अब देश में किसान की फसल की कोई कीमत नहीं है. यह बात भी सभी भलीभांति जानते है लेकिन करेंगे कुछ नहीं. बोलेंगे न्यूनतम समर्थन मूल्य है और रहेगा लेकिन कानून बनाकर लागू नहीं किया जाएगा ताकि किसान के विकास का रास्ता खुल सके. जब देश की पचास प्रतिशत से ज्यादा तबका इस काम से जुड़ा हुआ है तो इससे तो आधे से ज्यादा देश का भला हो जाएगा और किसान के चेहरे पर मुस्कान लौट आएगी .

अब तीसरी बात की बात करते है जीके अनुसार सैनिक की जान की भी कोई कीमत नहीं है. मोदी सरकार के काम सँभालने से लेकर आज तक जिस तरह से सैनिक शहीद हुए उनकी संख्या ज्यादा है. हालांकि इस दौरान आतंकी भी सैनिकों ने बहुत ज्यादा मार गिराए है लेकिन इस दौरान शहीद होने वाले सैनिकों की संख्या भी बहुत ज्यादा बड़ी है. इसके वावजूद अब भी सरकार इन तीनों बातों को लेकर कोई ठोस कानून नहीं बना पा रही है.

बता दें कि इन तीनों कानूनों से किसान का सीधा सीधा वास्ता है. किसान के बच्चे सैनिक है उसकी बेटी और पत्नी माँ बहिन असुरक्षित है. और अपनी फसल को लेकर खुद अहि आंदोलित है तो इसमें क्या कहा जाय. सरकार की तारीफ़ की जाय है फिर ....

Shiv Kumar Mishra

Shiv Kumar Mishra

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