- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
- Home
- /
- Top Stories
- /
- तीन सिपाहियों के...
तीन सिपाहियों के निलंबन के बाद अपने बयान से पलटा फॉलोअर
कौशाम्बी। पिपरी थाना के सिपाही अखिलेश कुमार और उसका साथ देने वाले 2 अन्य सिपाही योगेश सिंह वा विभूति शंकर त्यागी पर आरोप लगाने वाला फॉलोअर अमित कुमार पुलिस अधीक्षक को तहरीर देने के बाद अचानक पलटी मार गया है। पुलिस अधीक्षक ने तीनों सिपाहियों को निलंबित कर दिया है। फॉलोअर का पहले कहना था की आधी रात को सिपाही उसके कमरे का दरवाजा खटखटाता रहता है, उसकी नियत ठीक नहीं है। फॉलोअर का आरोप था कि सिपाही उसके ऊपर चोरी का झूठा इल्जाम लगाकर बेवजह मारपीट करता है और दो अन्य सिपाही अखिलेश कुमार सिपाही का साथ देते हैं।
फॉलोअर का आरोप था कि सिपाही की नियत उसकी पत्नी पर खराब है, लेकिन अब सिपाही पर आरोप लगाने वाला फॉलोअर यह कह रहा है कि उसने किसी के बहकावे में आकर सिपाही के ऊपर आरोप लगाया है। सिपाही पर आरोप लगाकर फॉलोअर पत्नी के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा और पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर आरोपी सिपाही पर कार्यवाही की मांग की। एसपी को शिकायती पत्र देकर जब वह वापस थाना पहुंचा तो अपने बयान से फॉलोअर पलट गया है। उसका कहना है कि किसी के बहकावे में उसने झूठ बोलने का निर्णय लिया है। अब सवाल उठता है कि फॉलोअर के शिकायती पत्र पर पुलिस अधीक्षक ने तीन सिपाहियों को निलंबित कर दिया है।
यदि उसने झूठी तहरीर दी थी तो उसने सिपाहियों की मर्यादा पर क्यों कुठाराघात किया है। क्या पुलिस अधीक्षक को झूठी शिकायती पत्र देने वाले फॉलोअर पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा या फिर झूठी शिकायती पत्र देने वाले फॉलोअर के मामले को अधिकारी गंभीरता से नहीं लेंगे या फिर सवाल उठता है कि पुलिस अधीक्षक के पास शिकायती पत्र देने के बाद फॉलोअर पर सिपाहियो ने और अधिक दबाव बना दिया हो जिससे सिपाही के दबाव में मजबूर होकर थाने के फॉलोवर ने बयान बदल दिया है यह बड़ी जांच का विषय है। यदि फॉलोवर ने सिपाहियों के दबाव में बयान पलटा है तो निश्चित है कि सिपाहियों का थाने में जोरदार आतंक है। इस पर आला अधिकारियों को गहन जांच कराए जाने की जरूरत है।