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गांधी के राष्ट्रीय धरोहर से खिलवाड़ के विरुद्ध गांधी जन करेंगे सत्याग्रह
प्रसून लतांत
सरकार गुजरात के अहमदाबाद स्थित महात्मा गांधी जी के विश्व विख्यात साबरमती आश्रम के मौलिक स्वरूप को नष्ट करने के लिए उतारू हो गई है। गांधी जनों ने दिल्ली में एक बैठक कर कहा है कि यह गांधी के चहेतों पर भारी आघात है और इसे किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। गांधी जनों ने फैसला किया है कि वे सरकार को चेताने और आम जनता को जगाने के लिए 17 अक्टूबर से महाराष्ट्र के वर्धा स्थित महात्मा गांधी के सेवाग्राम आश्रम से गुजरात स्थित साबरमती आश्रम तक सामूहिक यात्रा करेंगे।
गांधी जनों ने कहा है कि सरकार गांधी विचार की परंपरा से नई पीढ़ी को अलग-थलग करने का अक्षम्य अपराध करने जा रही है। सरकार के इस कदम के खिलाफ गांधीजनों सहित दुनिया भर से आवाजें उठ रही हैं। देखना है कि गांधी जनों के विरोध के मद्देनजर सरकार अपनी कोशिशों पर लगाम लगाई या नहीं। हालांकि सरकार को गांधीवादी संस्थाओं और लोगों ने अपनी चिंताओं से कई बार आगाह किया है लेकिन सरकार ने स्पष्ट तौर पर कुछ भी नहीं कहा है।
महात्मा गांधी द्वारा स्थापित आश्रम तथा संस्थाएं सत्य और अहिंसा की प्रयोगशालाएं रहीं हैं । जीवन और समाज का आदर्श रूप कैसा हो, इसकी साधना उन्होंने आश्रमों में किया और अपने साथ साथ असंख्य मानवों को प्रेरित व प्रशिक्षित किया । उनके नहीं रहने के बाद भी उनके आश्रम उनकी विचाधारा और जीवन शैली को जानने-समझने और प्रेरणा प्राप्त करने के पवित्रतम और सही स्थल रहे हैं । जिनके प्रति देश और दुनिया के असंख्य नर-नारी गहरी आस्था रखते हैं । यही वजह है कि गांधी आश्रमों में दुनिया भर से लोग शांति और प्रेरण की तलाश में खिंचे चले आते हैं । गांधी आश्रमों के आगंतुक रजिस्टर में हस्ताक्षर करने वाले आगंतुकों की संख्या लाखों में होती हैं।
युवा गांधीवादी संजय सिंह के मुताबिक अपने देश में गांधी जी के द्वारा स्थापित आश्रमों में साबरमती आश्रम का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। जानकारी मिली है कि केंद्र सरकार साबरमती आश्रम परिसर की स्वरुप में तब्दीली करना चाहती है, जो गांधी विचारधारा और विरासत पर सीधा आघात है । सरकार की मंशा साबरमती आश्रम को आधुनिक पर्यटन स्थल बनाने की है, जिसके लिए केंद्र सरकार ने 1200 सौ करोड़ रुपयों की योजना बनाई है ।अभी तक सरकार अपनी योजना को गोपनीय रख रही है।
प्राप्त जानकारी अनुसार इस योजना में नया संग्रहालय, एम्पी थिएटर, वीआईपी लाउंज, दुकानें, खाने-पीने और मनोरंजन की वृहद सुविधाएं निर्मित करने का प्रावधान है। इस निर्माण के कारण साबरमती आश्रम का न सिर्फ मूल रूप ही खत्म हो जाएगा बल्कि गांधी जी का निजी निवास हृदय कुंज जो देश ही नही दुनिया की ऐतिहासिक धरोहर है, इस आधुनिक निर्माण के कारण लुप्त हो जाएगा ।
गांधी जनों का कहना है कि सरकार की इस कोशिश से गांधी विचार की संस्थाएं और हम गांधी जन बेहद चिंतित हैं और ऐसे किसी भी प्रयास का पुरजोर विरोध करते हैं । हम कहना चाहते हैं कि बाजार केन्द्रित जिस सभ्यता से गांधी जी आजीवन लड़े, आज उसी बाजार को आश्रम में प्रवेश दिलाने के लिए सरकार विकास का ढोंग रच रही है , जो नाकाबिले बर्दास्त है । यही नहीं, केंद्र सरकार भारतीय स्वतंत्रता के हीरक जयंती वर्ष के पवित्र और ऐतिहासिक अवसर पर गांधीजी की स्मृति के संरक्षण और राष्ट्र निर्माण के लिए उनके द्वारा चलाए गए रचनात्मक कार्यक्रमों का उन्नयन करने की बजाय उनके पगचिन्ह मिटाने तथा भावी पीढ़ी को गांधी विचार परम्परा और विरासत से अलग थलग करने के लिए उनके स्मृति स्थलों को तहस - नहस करने की साजिश कर रही है ।
साबरमती आश्रम पर्यटन स्थल में तब्दील करने की योजना इसका जीता-जागता प्रमाण है । ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र सरकार एक नियोजित सोच के तहत यह सब कर रही है । जिस तरह से अमृतसर के जालियांवाला बाग को पर्यटन स्थल में तब्दील कर वहां का भावनिक और प्रेरणात्मक वातावरण खत्म किया गया है, उसी तर्ज पर साबरमती आश्रम को बर्बाद करने की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है , वह इतिहास को मिटाने और अपनी सुविधानुसार बदलने की आशंका का ठोस आधार है ।
देश के लिए बलिदान करने वाले स्वातंत्र्य सेनानियों और वीरों की स्मृतियां पर्यटन स्थलों में परिवर्तित कर उसे व्यवसायिक स्वरूप देना उनके त्याग, तपस्या और बलिदान के साथ ही साथ लोकभावना का भी अनादर है । यही वजह है कि हम इस प्रस्ताव के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी स्मृतियों और राष्ट्रीय धरोहरों को मिटाने की केंद्र सरकार की नापाक कोशिशों के प्रति देश को न सिर्फ सचेत कर रहे हैं अपितु उसकी अंतरात्मा को जगाना चाहते हैं । हम ऐसे किसी भी प्रयास के खिलाफ जनमत खड़ा कर उसे रोकना चाहते हैं ।
हम केंद्र सरकार से भी अनुरोध करते हैं कि वह अपने कदम पीछे ले और राष्ट्रीय धरोहरों में छेड़छाड़ करने तथा उनका स्वरूप बदलने का प्रयास न करे । हम राष्ट्रीय धरोहरों को बचाने के लिए, जनता के बीच जागरण करने , जनमत खड़ा करने और जरूरत पड़ी तो सत्याग्रह करने का अपना संकल्प दोहराते हैं । जन चेतना जागरण हेतु सेवाग्राम से साबरमती संदेश यात्रा 17 अक्टूबर 2021 को सेवाग्राम से प्रारंभ होगी और 24 अक्टूबर 2021को साबरमती आश्रम पहुंच कर सम्पन्न होगी । यह यात्रा 23 अक्टूबर की शाम तक अहमदाबाद पहुंच जाएगी ।
गांधी स्मारक निधि, गांधी शांति प्रतिष्ठान, सर्व सेवा संघ,सेवा ग्राम आश्रम प्रतिष्ठान,सर्वोदय समाज, राष्ट्रीय गांधी संघ्रालय, नई तालीम समिति, राष्ट्रीय युवा संघठन,महारष्ट्र सर्वोदय मंडल तथा गुजरात की सर्वोदय संस्था की द्वारा आयोजित यह यात्रा 17 अक्टूबर को सेवा ग्राम आश्रम में सर्व धर्म प्रार्थना एवं संकल्प से शुरू होगी। यात्रा अकोला,नन्दुरा,एदलाबाद, फैज़पुर ,खिरोदा,अमलनेर,धुले,नंदुरबार,बारडोली,सूरत होते हुए अहमदाबाद पहुंचेगी। 24 अक्टूबर साबरमती आश्रम में कार्यक्रम होगा, यात्रा में सर्व धर्म प्रार्थना, गोष्ठी,जन संवाद एवं जनसम्पर्क आदि कार्यक्रम आयोजित होगी।