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ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनावाई पूरी, कोर्ट में दोनों पक्ष के वकीलों ने पेश कीं दलीलें

Gyanvapi mosque
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ज्ञानवापी मामले में वाराणसी की कोर्ट में लगातार तीसरे दिन हुई सुनवाई खत्म हो गई है। आज जिन अहम मसलों पर सुनवाई हुई है, उसमें हिंदू पक्ष की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद और उसके भीतर स्थित तहखाने की वीडियोग्राफी और सर्वे कराने की मांग रखी गई। जबकि मुस्लिम पक्ष की तरफ से एडवोकेट कमिश्नर को बदलने के लिए एप्लीकेशन दी गई है।

सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। सर्वे-वीडियोग्राफी और एडवोकेट कमिश्नर बदलने की मांग पर 12 मई की दोपहर 12 बजे फैसला कोर्ट सुनाएगा।

वादी पक्ष की ओर से अदालत से एडवोकेट कमिश्नर को मौका और मुआयना करने की अपील की गई है। एक दिन पहले यानी 10 मई को अदालत में दोनों पक्षों के वकीलों के बीच डेढ़ घंटे तक बहस हुई थी। इस दौरान दोनों पक्षों के वकीलों ने एडवोकेट कमिश्नर के बदले जाने और ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर दलील पेश की।

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने तैयारी के साथ कुछ और तथ्य पेश करने के लिए 11 मई तक का समय मांगा था। इस पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए 11 मई की तारीख तय कर दी। साथ ही कहा कि जरूरत पड़ने पर जज स्वयं मौके पर जाएंगे।

हिंदू पक्ष बोला- लगाया जा रहा झूठा आरोप

9 मई को अदालत में सुनवाई के दौरान वादी पक्ष ने कहा था कि एडवोकेट कमिश्नर अपना काम सही से कर रहे हैं। सर्वे का बाधित करने के लिए उन पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। ज्ञानवापी के अंदर वीडियोग्राफी और सत्यापन की परमिशन उन्हें दी जाए।

मुस्लिम पक्ष की ओर से यह भी आरोप लगाया गया है कि उनके पास कुल 5 वकील हैं, जिनमें से सर्वे के दौरान दो लोगों को ही प्रवेश की अनुमति दी गई थी। वादी पक्ष के कुल 12 वकील थे। यह भी कहा कि श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी दोनों अलग-अलग हैं, ऐसे में अंदर की वीडियोग्राफी कराना गलत है। जिला प्रशासन उनका सहयोग नहीं कर रहा है। हिंदू पक्ष ने इन दलीलों को बेबुनियाद और कोर्ट के काम में बाधा डालने वाला बताया था।

6 मई को शुरू हुआ था सर्वे

अदालत के आदेश पर नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने दोनों पक्षों की मौजूदगी में 6 मई की दोपहर ज्ञानवापी परिसर का सर्वे शुरू किया था। पहले ही दिन सर्वे को लेकर बवाल और नारेबाजी हुई थी। मुस्लिम पक्ष ने आरोप लगाया कि एडवोकेट कमिश्नर वादी पक्ष की तरह पार्टी बनकर सर्वे कर रहे हैं।

7 मई की दोपहर सर्वे का काम फिर शुरू हुआ। वादी पक्ष ने आरोप लगाया कि तकरीबन 500 से ज्यादा मुस्लिम मस्जिद में मौजूद थे और उन्हें सर्वे के लिए अंदर नहीं जाने दिया गया। विवाद के बाद सर्वे रोक दिया गया और मामला फिर कोर्ट में चला गया। आज लगातार हियरिंग का तीसरा दिन है।

अगस्त-2021 में दाखिल किया गया था केस

राखी सिंह सहित 5 महिलाओं ने वाराणसी की जिला अदालत में अगस्त 2021 में एक मुकदमा दाखिल किया था। अदालत से मांग की थी कि मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की अनुमति मिले। इसके साथ ही ज्ञानवापी परिसर स्थित अन्य देवी-देवताओं के सुरक्षा की मांग भी अदालत से की गई थी।

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