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भाजपा से निकाले जाने के बाद हरक सिंह रावत ने थामा कांग्रेस का हाथ, बहू भी हुई शामिल, लेकिन जानें ले इस शर्त को
भाजपा से बर्खास्त हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल, बोले-बिना शर्त यहां आया हूं
भाजपा से बर्खास्त हरक सिंह रावत ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली है। शुक्रवार को उन्होंने कांग्रेस के वार रूम में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी भी मौजूद रहे। हरक के साथ ही उनकी पुत्र वधू ने भी कांग्रेस की सदस्यता ली है।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद हरक सिंह ने कहा कि 20 साल तक कांग्रेस के लिए संघर्ष किया है। एक बार फिर कांग्रेस को मजबूत करने में हम लोग जुटेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में शामिल होने के लिए कोई शर्त नहीं रखी है। बिना शर्त शामिल हुआ। टिकट की बातों से भी इनकार किया। कहा कि यहां एक ही शर्त है, भाजपा को हराना।
कहा कि 2016 में जब मैंने बगावत की उसके बाद भी लगातार सोनिया गांधी की मैंने तारीफ की है। लगातार टीवी चैनलों पर भी कहा था कि सोनिया गांधी का कई एहसान है। उन्होंने लगातार मुझ पर भरोसा किया है। कहा कि कोई माफीनामा नहीं दिया गया है। राजनीति में माफीनामा की कोई जगह नहीं होती है। मैं यहां एक गिलहरी की तरह भूमिका अदा करूंगा। हरक ने इस दौरान भाजपा पर कई आरोप लगाए। कहा कि टिकट की बातें झूठ थीं।
गौरतलब है कि रविवार को बीजेपी ने हरक सिंह रावत के बगावती तेवरों के चलते पार्टी से निष्कासित कर दिया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रावत को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था। इससे पहले भाजपा की उत्तराखंड इकाई की कोर ग्रुप बैठक के दौरान हरक सिंह रावत शामिल नहीं हुए थे।
वहीं हरक सिंह रावत भाजपा से निष्कासित होने के बाद काफी भावुक नजर आए थे। उन्होंने आरोप लगाया की बीजेपी ने उनके साथ धोखा किया है। हरक सिंह ने यह भी कहा कि 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे। जिसमें भाजपा सत्ता से बाहर होगी और कांग्रेस 40 सीटों के साथ सरकार बनाएगी।
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि हरक सिंह रावत परिवार के सदस्यों को टिकट देने का दबाव बना रहे थे। भाजपा में हरक आए उन्होंने विकास के मामले में जो कहा हमने किया, लेकिन हमारी पार्टी वंशवाद से दूर और विकास के साथ है।