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हाईकोर्ट ने ढाबों पर अवैध कब्जा हटाने के अभियान पर लगा दी रोक
एचसी ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन को यह भी देखना होगा कि उसे कार्य दिवस पर परिसर में आने वाले लगभग 30,000 लोगों की बड़ी संख्या को क्या सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए।
हाईकोर्ट परिसर के सामने सरकारी जमीन से ढाबों के अवैध कब्जे को हटाने के लिए अभियान चलाए जाने से एक दिन पहले पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर रोक लगाने का आदेश दिया है.
यह आदेश जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन की खंडपीठ ने पारित किया है. एचसी पृथ्वी राज यादव द्वारा बार एसोसिएशन के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें लाइब्रेरी लॉन हॉल, कैंटीन, फोटोकॉपी की दुकानों, एजी कार्यालय के सामने स्थित मंदिर और उच्च न्यायालय परिसर के भीतर अन्य प्रतिष्ठानों के पास अवैध संरचनाओं को ध्वस्त करने की मांग की गई थी।
चंडीगढ़ प्रशासन ने शनिवार को उक्त निर्माणों को गिराने का आदेश जारी किया था । मामले की सुनवाई कर रही खंडपीठ ने राय दी कि ऐसी कोई भी कार्रवाई करने से पहले दलीलें पूरी की जानी चाहिए।
यह विवादित नहीं है कि उच्च न्यायालय के परिसर में कार्यवाही में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं। इस अदालत में आने वाले उक्त व्यक्तियों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए बिना और कोई दिशानिर्देश तैयार किए बिना, वर्तमान व्यवस्था को बाधित करना इस स्तर पर उचित नहीं हो सकता है,आदेश में कहा गया है।
एचसी ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन को यह भी देखना होगा कि उसे कार्य दिवस पर परिसर में आने वाले लगभग 30,000 लोगों की बड़ी संख्या को क्या सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए।
बेंच ने कहा,तदनुसार, सभी पक्षों की ओर से सुझाव आने दीजिए कि क्षेत्र में व्याप्त पार्किंग की समस्या सहित सभी मोर्चों पर सिस्टम को कैसे सुव्यवस्थित किया जा सकता है।
उच्च न्यायालय ने कहा,उपरोक्त कारणों को ध्यान में रखते हुए, 29 जुलाई और 30 जुलाई को सुबह 8 बजे सरकारी भूमि से ढाबों के अवैध अतिक्रमण को हटाने के अभियान को सुनवाई की अगली तारीख मामला 29 अगस्त तक स्थगित रखा जाए.