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लखीमपुर केस पर अब 8 नवंबर को सुनवाई, SC ने दिया ये निर्देश
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आज फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को घटना के गवाहों को सुरक्षा देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यूपी सरकार से लखीमपुर हिंसा में पत्रकार रमन कश्यप और एक श्याम सुंदर की हत्या की जांच पर जवाब दाखिल करने को भी कहा है। अब मामले की अगली सुनवाई आठ नवंबर को होगी।
सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने स्टेटस रिपोर्ट सौंपते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 68 गवाहों में से 30 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं और 23 लोगों ने घटना के चश्मदीद होने का दावा किया है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रैली में सैकड़ों किसान थे और सिर्फ 23 चश्मदीद गवाह बने? फिर साल्वे ने जवाब देते हुए कहा कि हमने गवाही के लिए विज्ञापन जारी भी किया। वीडियो सबूत भी मिले हैं। जांच जारी है। हरीश साल्वे ने कहा कि यूपी सरकार सीलबंद लिफाफे में गवाहों के दर्ज बयान दे सकती है।
सीजेआई ने कहा कि अगर आपके पास 23 चश्मदीद गवाह हैं तो हरेक पहलू और संभावना को तलाशिए और कदम बढ़ाइए। सीजेआई ने आगे कहा कि घटनास्थल पर 4000-5000 लोगों की भीड़ थी जिसमें कि सभी स्थानीय लोग थे और यहां तक कि घटना के बाद भी अधिकांश लोग आंदोलन कर रहे हैं। तो फिर, इन लोगों की पहचान में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में भी गवाहों के बयान दर्ज करने में हो रही देरी को लेकर यूपी सरकार को फटकार लगाई थी। यूपी सरकार की ओर से गवाहों के बयान जारी करने के लिए वक्त मांगे जाने के बाद कोर्ट ने कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई आज यानी 26 अक्टूबर को करने का फैसला लिया था। बता देंकि इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समेत 10 लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है। दो वकीलों की ओर से इस मामले में याचिका दायर कर हाई लेवल इन्क्वायरी की मांग किए जाने पर अदालत ने सुनवाई शुरू की थी।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में 3 अक्टूबर को आंदोलनकारी किसानों की एक एसयूवी से कुचलकर मौत हो गई थी। इसके बाद भड़की हिंसा में 4 और लोगों की मौत हो गई थी। इनमें एक स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप और भाजपा के तीन कार्यकर्ता शामिल थे।