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फरलो पर बाहर आये राम रहीम से गुरुग्राम डेरे पर मिलने पहुंची हनीप्रीत, जानें कैसे बीता पहला दिन
गुरमीत राम रहीम को चुनाव से चंद दिन पहले 21 दिन की फरलो मिली है, फरलो एक निश्चित अवधि के लिए मिली अस्थायी छुट्टी को कहते हैं, जो कानून के मामलों में आमतौर पर जेल में लंबी कैद काट रहे कैदियों को दी जाती है. फरलो का यह वक्त राम रहीम अपने गुरुग्राम डेरे पर बिता रहा है। मंगलवार को उसका डेरे पर पहला दिन था। पहले ही दिन गुरमीत राम रहीम से मिलने हनीप्रीत साउथ सिटी के डेरे पर पहुंची, जहां पर राम रहीम की बेटी व मां पहले से मौजूद रहीं।
आगे जानिए कैसा रहा राम रहीम का जेल से बाहर पहला दिन और हनीप्रीत व अन्य ने डेरे में क्या-क्या किया...
परिवार के साथ खाना खाने के साथ देर रात तक उनकी बातें चलती रहीं। मां की ओर से बेटे के लिए पसंदीदा खीर कम चीनी में बनाई गई थी। राम रहीम के जेल से फरलो पर आने की सूचना के बाद भक्त यहां पर पहुंचने लगे लेकिन पुलिस ने उन्हें समझाकर वापस भेज दिया। तीन साल से बंद डेरे की रौनक ही बदल गई है। सोमवार पांच बजे राम रहीम के पहुंचने के बाद से पुलिस ने उस स्थान को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया।
डेरे के भीतर उन्हें ही प्रवेश मिल रहा है जिनके मिलने की अंदर से अनुमति मिलती है। डेरे के भीतर डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) से होकर गुजरना पड़ता है। 900 वर्ग फीट में बना डेरा चर्चा में है। राम रहीम के जेल जाने के बाद से यह बंद था। परिवार के लोग कभी-कभी आते थे। केयर टेकर ही इसकी देखभाल करता है। डीसीपी ईस्ट मकसूद अहमद व एसीपी सदर अमन यादव ने सुरक्षा का जायजा लिया।
राम रहीम ने रोजाना की तरह सुबह उठकर योग किया। भीतर ड्यूटी पर रहने वाले जवानों के मोबाइल बंद करा दिए जाते हैं। पुलिस अधिकारी का कहना है कि उनके पास जिम्मा राम रहीम की सुरक्षा का है। कौन मिलने आ रहा है, किससे वह बात कर रहा है, इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है। अब तक आने वालों में परिवार व डेरे से जुड़े पुराने लोग ही शामिल हैं।
सुनारिया जेल में दुष्कर्म की सजा काट रहा राम रहीम सात गाड़ियों के काफिले के साथ गुरुग्राम के मेफील्ड गार्डन स्थित डेरे में सोमवार की शाम पांच बजे पहुंचा। राम रहीम को रोहतक के मंडलायुक्त ने 21 दिन का फरलो दिया है। अदालत के आदेश के चलते उसे कड़ी सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है। कमिश्नरी की पुलिस ने सुरक्षा में 300 से अधिक जवानों को तैनात किया है। जिसका पर्यवेक्षण डीसीपी ईस्ट और एसीपी सदर कर रहे हैं। इस दौरान किसी भी प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा सकेगा।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख 25 अगस्त 2017 को साध्वी यौन शोषण मामले में 20 साल की सजा हुई थी। पत्रकार छत्रपति हत्याकांड और रणजीत हत्याकांड में भी वह सजा काट रहे हैं। तब से लेकर अब तक डेरा प्रमुख जेल में ही बंद है। इस बीच उन्हें एक बार अपनी बीमार मां से एक दिन मिलने के लिए पैरोल मिल चुकी है। उसने पहले भी तीन बार पैरोल के लिए आवेदन किया था, लेकिन सिरसा प्रशासन ने आवेदन रद्द कर दिया। लेकिन इस बार डेरा प्रमुख को 21 दिन की फरलो मिली है।
क्या होता है फरलो
दरअसल, फरलो, पैरोल से थोड़ा अलग होता है। फरलो का मतलब जेल से मिलने वाली छुट्टी से है। यह पारिवारिक, व्यक्तिगत और सामाजिक जिम्मेदारियां पूरी करने के लिए दी जाती है। एक साल में कोई कैदी तीन बार फरलो ले सकता है। परोल के लिए कारण बताना जरूरी होता है जबकि फरलो सजायाफ्ता कैदियों के मानसिक संतुलन को बनाए रखने के लिए और समाज से संबंध जोड़ने के लिए दिया जाता है पैरोल की अवधि एक महीने तक बढ़ाई जा सकती है जबकि फरलो ज्यादा से ज्यादा 14 दिन के लिए दिया जा सकता है। हालांकि पहली बार फरलो 21 दिन की दी गई है।