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अगर जेल में बंद पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ईमानदार तो देश में बेईमान कोई नहीं : एक्टिविस्ट संजय शर्मा.

Shiv Kumar Mishra
18 Sep 2021 8:49 AM GMT
अगर जेल में बंद पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ईमानदार तो देश में बेईमान कोई नहीं : एक्टिविस्ट संजय शर्मा.
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लखनऊ: आगरा जेल में बंद पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ईमानदार हैं तो देश का कोई भी नेता या अधिकारी बेईमान नहीं है. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि ऐसा कह रहे हैं पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर कर दो-दो हाथ करने का ऐलान करने वाले लखनऊ के एक्टिविस्ट संजय शर्मा.

संजय ने आज लखनऊ में एक प्रेसवार्ता के दौरान लखनऊ की बीकेटी तहसील के अपर जिला सहकारी अधिकारी माधव दत्त द्विवेदी की 7 पेज की जांच रिपोर्ट मीडिया को देते हुए बताया कि कैसे अमिताभ ठाकुर ने सेवाकाल में फील्ड की पोस्टिंग्स में रहते अपने ऊंचे पुलिस पद का दुरुपयोग करते हुए पुलिसिया हथकण्डे अपनाए और लखनऊ के पॉश गोमतीनगर इलाके में बीघों रिहायशी जमीन अपनी पत्नी नूतन ठाकुर ने नाम करा ली थी.

माधव दत्त द्विवेदी की इस रिपोर्ट को आप जैसे जैसे पढ़ते जाते हैं बैसे बैसे आपके दिमाग में हिंदी फिल्मों जैसा एक चलचित्र जैसा चलने लगता है और आप खुद महसूस कर पाते हैं कि उस समय फील्ड में तैनात आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने फिल्मी विलेन की मानिंद लखनऊ की ममता गृह निर्माण समिति के तत्कालीन सचिव डिकर सिंह बिष्ट को उनके द्वारा आमजनों को बेचे गए 14 प्लॉट्स की रजिस्ट्री दूसरी बार नूतन ठाकुर के नाम में करने पर मजबूर किया होगा और रजिस्ट्री हो जाने के बाद कैसे अमिताभ ने डिकर सिंह बिष्ट को गायब किया होगा.

माधव दत्त द्विवेदी की इस रिपोर्ट में लिखा है कि नूतन ठाकुर की बजह से 14 आम जन अपनी गाढ़ी कमाई लुटाकर इन 14 प्लॉट्स की रजिस्ट्री कराने के बाद भी अपने-अपने भूखंड से बेदखल कर दिए गए. नूतन द्वारा किये गए अवैध कब्जे की सूचना थाना गोमतीनगर को दिए जाने लेकिन थाना गोमतीनगर द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किये जाने की बात भी इस रिपोर्ट में लिखी है.

अमिताभ की पुलिसिया हनक का आलम यह रहा कि नूतन ने समिति की सड़क यानि कि आम रास्ता भी बंद करके अपने प्लाट में मिला लिया. 'सैयां भये कोतवाल तो डर कहे का' कहावत आपने सुनी तो बहुत होगी पर अगर आपको देखना हो कि यह कहावत धरातल पर क्या-क्या चमत्कार कर सकती है तो माधव दत्त द्विवेदी की रिपोर्ट को पढने के बाद एक बार उन 14 बदनसीबों से भी जाकर मिल आइये जिनकी जीवन भर की गाढ़ी कमाई इन दोनों पति-पत्नी की जमीनों पर कब्ज़ा करने की हवस की भेंट चढ़ चुकी है और इन बेचारों की आहों को भी महसूस कर आइये.

संजय कहते हैं कि अमिताभ ठाकुर द्वारा पुलिस तंत्र का दुरुपयोग करके डिकर सिंह बिष्ट को धरती से गायब करा देने के चर्चे लम्बे समय से आम हैं. बकौल संजय उनको विश्वास है कि यदि सरकार डिकर सिंह बिष्ट मामले की सीबीआई जांच करा ले तो इस समय जेल में बंद अमिताभ ठाकुर डिकर सिंह बिष्ट मामले में भी जेल की सलाखों की पीछे पंहुचेगा.

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