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- भागलपुर में सात दिवसीय...
भागलपुर में सात दिवसीय मंजूषा महोत्सव शुरु, उद्योग मंत्री शाहनवाज ने कला को बढ़ावा देने के लिए की कई घोषणाएं
भागलपुर।सैंडिस कंपाउंड मैदान में उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान पटना की ओर से सात दिवसीय मंजूषा महोत्सव का आयोजन किया गया।महोत्सव का शुभारंभ उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन, उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान पटना के निदेशक अशोक सिन्हा, पीरपैंती विधायक ललन पासवान और मंजूषा कलाकार मनोज पंडित ने फीता काटकर महोत्सव का शुभारंभ किया।
उद्घ्राटन के दौरान राज्य के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि इंडियन सिल्क प्रमोशन बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय रेशम भवन में खुलेगा। केन्द्रीय सिल्क बोर्ड से बनारस के कार्यालय को जितनी राशि मिली है, उतनी ही राशि भागलपुर को भी उपलब्ध करायी जायेगी। इसके अलावा भागलपुर, मुजफ्फरपुर व पूर्णिया में खादी मॉल बनाए जाएंगे।
भागलपुर में सात करोड़ की लागत से बुनकरों के लिए एक प्रशिक्षण भवन खोला जायेगा। यहां छात्रावास की सुविधा रहेगी। इसके लिए 1100 वर्गफीट जमीन की जरूरत है। यह केन्द्र राज्य के कई जिलों में था। अब इसका निर्माण भागलपुर में किया जायेगा। मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से राज्य में चार एक्सपो मेले की सहमति मांगी थी, जो मिल चुकी है। यह मेला राज्य की चार जगहों पर लगाया जायेगा। इसमें भागलपुर को भी शामिल किया गया है। यहां स्टेट हैंडलूम एक्सपो मेला का आयोजन किया जायेगा। इसके अलावा नालंदा में स्टेट एक्सपो, पटना में नेशनल हैंडलूम एक्सपो मेला और एक मेला बोधगया में लगाया जायेगा।
उन्होंने बताया कि भागलपुर के लोदीपुर में हैंडलूम क्लस्टर खोला जायेगा। इसके अलावा कार्यशील पूंजी के तहत 10-10 हजार रुपये यहां के 250 बुनकरों को दिया जायेगा। इससे पूर्व भी 250 लोगों को यह लाभ मिल चुका है।
उद्योग मंत्री ने बताया कि 10 साल पहले मंजूषा की प्रदर्शनी स्थानीय स्तर पर लगती थी। 2006 में यहां अभय वर्मन ने उन्हें मंजूषा की पेटिंग दी थी। इस कला को बढ़ाने में स्व. चक्रवती देवी का खासा योगदान रहा है। यह कला भागलपुर की है। अब उद्योग विभाग बड़े पैमाने पर मंजूषा महोत्सव का आयोजन कर रहा है। केंद्र सरकार से 14 सितंबर को मंजूषा कला को जीआई टैग भी मिल चुका है। इससे मंजूषा को देश-विदेश में पहचान मिलेगी। यहां के कलाकारों को मुंबई, गोवा और मॉरीशस भी भेजा गया है, जहां उनके निर्मित सामान की सराहना की गयी है। इस महोत्सव में सौ कलाकारों ने मंजूषा की जीवंत प्रदर्शनी दिखाई। जल्द ही कलाकर दिल्ली में प्रदर्शनी में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि जब वह संसद थे तो सैंडिस में महोत्सव का आयोजन हुआ था, लेकिन कुछ जनप्रतिनिधियों ने उन्हें नहीं बुलाया। मंत्री बनने के बाद इस महोत्सव में सभी जनप्रतिनिधियों को निमंत्रण भेजा था।
मंत्री शाहनवाज हुसैन ने बताया कि भागलपुरी सिल्क साड़ी शालीनता का प्रतीक है। देश के पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार इसको प्रमोट करती रही हैं। जबकि भाजपा की वरिष्ठ नेत्री रहीं सुषमा स्वराज को भी सिल्क साड़ी खूब पसंद थी। उन्होंने बताया कि मां सीता जिस तरह की साड़ी पहनी थी, उसी तरह की साड़ी यहां तैयार की जा रही है। यह साड़ी मां सीता के नाम पर ही रखी जायेगी।
दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष एसए जावेद ने कहा कि भागलपुर में लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए डेढ़ करोड़ रुपये ऋण के तौर पर वितरित किये जायेंगे। इससे हर क्षेत्र को फायदा पहुंचेगा। उद्योग विभाग के तकनीकी विकास निदेशक पंकज दीक्षित ने कहा कि मंत्री शाहनवाज हुसैन दिन-रात लोगों की भलाई की बात सोचते हैं। वह केंद्र हो या राज्य, हर जगहों से योजना लाकर लोगों को फायदा पहुंचा रहे हैं। इससे लोग स्वावलंबी हो सकेंगे। इस कारण देश व राज्य की आर्थिक स्थिति सुदृ़ढ़ होगी। स्वागत भाषण में उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के निदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि सात साल से मंजूषा महोत्सव का आयोजन सरकारी स्तर पर किया जा रहा है। पहले जहां 25 से 30 मंजूषा कलाकार होते थे, अब इसकी संख्या पांच से सात हजार हो गयी है। मंच संचालन करते हुए मनोज पंडित ने कहा कि सरकार की पहल से मंजूषा कलाकारों को अब रोजगार मिल रहा है।
पीरपैंती के विधायक ललन पासवान ने कहा कि मंजूषा कला सभ्यता व संस्कृति से जुड़ा है। वैदिक इतिहासकारों ने वर्षों पहले मंजूषा की चर्चा की थी। इस मौके पर विजय सिंह प्रमुख, जिला कार्यकारी अध्यक्ष संतोष कुमार, नमय चौधरी, अभय वर्मन, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक रामशरण राम आदि मौजूद थे।