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अनुदेशक को नहीं मिली राहत, ट्रांसफर की बात देखता देखता लाचार हो गया
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उत्तर प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालय में तैनात अनुदेशक को बड़ी हीन भावना से देखा जाता है। इनकी बात सरकार भी सुनने को राजी नहीं होती है। हालांकि जब 2017 में सरकार नहीं आई थी तो बीजेपी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने वादा किया था। कहा था शिक्षा मित्र और अनुदेशक हमारी सरकार बनाएं हम नियमित करेंगे। वादा अनुदेशक शिक्षा मित्र ने निभाया लेकिन सरकारमें आने के बाद बीजेपी भूल गई।
उसके बाद स्पेशल कवरेज न्यूज के संपादक ने 25 अक्टूबर 2021 से शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की मुहिम चलाई जिससे सरकार तक आवाज गई और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2000 रुपये मानदेय बढ़ाया। उसके बाद बेसिक शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद लगातार अनुदेशकों को आश्वासन देते आ रहे है।कह रहे थे कि सितंबर अंतिम तक ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी लेकिन अब तो अक्टूबर का माह भी गुजर गया। सुनते सुनते कान पक चुके लेकिन आदेश अभी नहीं आया।
आज जब ट्रांसफर का आदेश आया तो केवल सहायक अध्यपक का सर प्लस ट्रांसफर का आदेश आया है। तो अनुदेशक आज फिर अपने को ठगा महसूस कर रहा है। अनुदेशक आज से फिर खुद को असहाय मान रहा है। क्योंकि अनुदेशक सोच रहा था कि आधे असे अधिक अनुदेशक महिलायें जो कि 100 किलोमीटर का सफर करती है अगर उनका ट्रांसफर हो जाएगा तो उनके 2 से 3 हजार रुपये किराये भाड़े के बचेंगे और समय भी बचेगा, बार बार सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के बाद भी अब तक सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है।