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क्या नवाब मलिक के आरोपों से समीर वानखेडे की फजीहत बढ़ने वाली है?
राष्ट्र के एनसीपी विधायक और मंत्री नवाब मलिक वह कर रहे हैं जो कि किसी जर्नलिस्ट को कहना चाहिए। जानकारी मिली है कि, वह अपने काम के लिए पत्रकारों की एक टीम की मदद ले रहे हैं जो इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म करती रही है।
आज जिस तरह से नवाब मलिक ने शरीर बांधने के निकाहनामा की प्रति को पब्लिक के सामने लाने का काम किया है उससे निस्संदेह समीर वानखेडे की फजीहत बढ़ने वाली है। यह बात अब पब्लिक डोमेन में प्रमाणित हो गई है कि समीर वानखेडे ने गलत तगलत दस्तावेजों के साथ लोग यह नौकरी हासिल की है। दुखद यह है कि जिस उम्र में आर्यन खान की गिरफ्तारी की गई है उस उम्र में समीर वानखेडे फर्जी दस्तावेज फर्जी हलफनामा देकर नौकरी हासिल कर रहे थे।
नवाब मलिक ने समीर वानखेडे के जीवन में वह उथल पुथल मचाई है जिनकी उन्होंने कल्पना नहीं की होगी। कहना गलत है कि उन्होंने व्यक्तिगत टिप्पणियां दरअसल उन्होंने पब्लिक डोमेन में जो कुछ भी सामने लाने की कोशिश की है वह जरूरी चीजें हैं।
मौजूदा वक्त में मुझे लगता है कि समीर वानखेडे के गिरफ्तारी को लेकर के नवाब मलिक ने पर्याप्त सबूत मुहैया करा दिए है।मुम्बई पुलिस को उन्हें तत्काल अरेस्ट करना चाहिए। उद्धव ठाकरे को तत्काल एसआईटी को बनाकर समीर वानखेडे की जांच करनी चाहिए एवम उनकी नियुक्ति की जांच के लिए सेंट्रल ट्रिब्यूनल से सिफारिश करनी चाहिए।