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- मैं ट्विटर का इस्तेमाल...
मैं ट्विटर का इस्तेमाल ही नहीं करती मेरे खिलाफ यह सुनियोजित षड्यंत्र हैं- कुलपति JNU प्रो शांति श्री पंडित
शशांक मिश्रा
इनदिनों तेजी से वायरल पोस्ट के कारण सुर्खियों में JNU की नवनियुक्त कुलपति है ! चर्चाओं और अफवाहों के बीच वास्तविक तस्वीर को कुलपति ने स्पष्ट किया आपको बता दें कि! 7 फरवरी 2022 को प्रोफेसर शांति श्री पंडित ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति हैं । प्रोफ़ेसर शांति श्री पंडित फिलहाल सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय ,पुणे में राजनीति विज्ञान की प्रोफ़ेसर थी । प्रो शांति श्री पंडित ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से ही अपनी शोध की पढ़ाई पूरी की थी ।
पिछले दिनों उनके चार्ज संभालते ही सोशल मीडिया और ट्विटर पर उनको लेकर विवाद शुरू हो गया । प्रो शांति पंडित के नाम से बनाए गए एक ट्विटर अकाउंट के कुछ पुराने ट्वीट शेयर किए गए और कुलपति पर निशाना साधा गया । हमारे पास वे सारे ट्वीट्स हैं। इस पूरे विवाद पर अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए प्रोफेसर शांति पंडित ने कहा कि वे ट्विटर का इस्तेमाल ही नहीं करती हैं । सोशल मीडिया में जितनी भी खबरें चलाई गई हैं वे भ्रामक और झूठी हैं। खबर लिखने से पहले किसी पत्रकार ने उनसे पूछा तक नहीं कि क्या यह उनका ट्विटर हैंडल है । प्रोफेसर शांति ने यह भी कहा कि मैं पूरी तरीके से फेक न्यूज़ का शिकार हुई हूं । मुझे बदनाम करने के लिए मेरे खिलाफ सुनियोजित षडयंत्र रचा गया है । अखबारों ने खबर लिखने से पहले मुझसे बात तक नहीं की ।
हमसे बात करते हुए प्रो शांति श्री पंडित यह भी कहती हैं कि पिछड़े तबके की स्त्री और दक्षिण भारतीय महिला होने के कारण कई लोगों को उनका कुलपति बनना रास नहीं आ रहा है । ज्ञात हो कि किसी ने कुलपति का कार्यभार ग्रहण करते ही किसान मुद्दे और नाथूराम गोडसे से जुड़े कुछ विवादित ट्वीट सोशल मीडिया में वायरल किए । सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने भी अपने ट्विटर हैंडल से ऐसे ट्वीट्स को शेयर किया । जब इस बारे में हमने प्रोफेसर शांति श्री से उनका पक्ष जानना चाहा उन्होंने साफ-साफ कहा कि मैं ट्विटर का इस्तेमाल ही नहीं करती तो मेरे नाम किसी ने साजिश के तहत ये सब किया है । जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की नव नियुक्त कुलपति प्रोफेसर शांति श्री पंडित 6 भाषाओं की जानकारी है तथा उनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हैं । कार्यभार संभालते हुए उन्होंने जेएनयू में एक पारदर्शी प्रशासन का वादा किया तथा यह कहा कि वे सदैव छात्र हितों के लिए तत्पर रहेंगी।