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Posting on Social Media : सोशल मीडिया पर पोस्ट करते समय रहें अलर्ट, वरना नहीं मिलेगी आपको कोई जॉब
Social Media:आजकल जब आप किसी जॉब के लिए Apply करते हैं, तो कंपनियां आपसे आपके सोशल मीडिया हैंडल्स की जानकारी मांगती हैं. इन दिनों ये बहुत आम हो चला है. लेकिन आपने सोचा है कि कंपनियां ऐसा क्यों करती हैं? हम आपको बताने जा रहे हैं कि इसके पीछे की वजह क्या है?
नौकरी में सोशल मीडिया पोस्ट्स की अहमियत
ट्राइडेंट ग्रुप की ग्रुप चीफ एचआर ऑफिसर पूजा बी. लूथरा (Pooja B. Luthra) बताती हैं, 'आज के समय में कंपनियों द्वारा कैंडिडेट्स की 'सोशल मीडिया स्क्रीनिंग' आम बात हो गई है.
लूथरा ने बताया, "कई कंपनियां सोशल मीडिया पोस्ट्स के आधार पर कैंडिडेट्स को रिजेक्ट तक कर देती हैं."ऐसे में अगली बार सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने से पहले आपको सचेत हो जाना चाहिए और ऐसी बात नहीं लिखनी चाहिए जो आपत्तिजनक हो.
बैकग्राउंड वेरिफिकेशन करने वाली कंपनी Sterling RISQ के एपीएसी प्रेसिडेंट मनीष सिन्हा ने कहा, "यह किसी भी कंपनी द्वारा की जाने वाली स्क्रीनिंग का सामान्य एक्सटेंशन है. आप आम तौर पर क्रिमिनल हिस्ट्री, एजुकेशन, नौकरी का बैकग्राउंड और कॉरपोरेट कल्चर के साथ व्यक्ति के सामंजस्य जैसे पहलुओं को चेक करते हैं."
उन्होंने कहा कि उनके टॉप हाई वॉल्यूम क्लाइंट्स में टेलीकॉम, मीडिया, इंश्योरेंस, कंज्यूमर बैंकिंग, स्टाफिंग फर्म, अकाउंटिंग और ऑडिट कंपनियां शामिल हैं. उन्होंने कहा कि पावर और गैस, प्राइवेट इक्विटी एवं टेक्नोलॉजी फर्म भी सोशल मीडिया स्क्रीनिंग पर बहुत अधिक जोर देती हैं.
उन्होंने कहा कि कंपनियां आम तौर पर कंपनियों के लिंक्डइन (LinkedIn) और ट्विटर (Twitter) प्रोफाइल की स्क्रीनिंग करती है. हालांकि, फेसबुक (Facebook) और इंस्टाग्राम (Instagram) को भी पूरी तरह दरकिनार नहीं करती हैं.
Sterling कैंडिडेट्स के Pinterest, YouTube और अन्य न्यूज सोर्स पर भी गौर करती है. रोल की सीनियरिटी के हिसाब से हायरिंग मैनेजर्स कैंडिडेट्स से जुड़ी सभी तरह की जानकारी का पूरा एनालिसिस करती हैं. टैलेंट स्क्रीनिंग फर्म SHL के एमडी (भारत और Philippines) सुशांत द्विवेदी कहते हैं कि सीनियर मैनेजमेंट और स्ट्रेटेजिक पोजिशन पर हायरिंग के समय यह प्रॉसेस और महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यहां किसी भी तरह की चूक बहुत भारी पड़ सकती है.
उन्होंने कहा, "अगर मैं गलत सीईओ हायर कर लेता हूं, तो इससे P&L नीचे आ सकता है. इससे शेयर के दाम भी नीचे आ सकते हैं. कुल-मिलाकर इसका ज्यादा बड़ा असर देखने को मिल सकता है."