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कालीचरण ने कहां मैं संत नहीं हूं, मुझे लोगों ने बना दिया है महाराज
छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित विवादित धर्म संसद में महात्मा गांधी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाले आरोपी कालीचरण महाराज को मध्य प्रदेश से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी के बाद से उनका एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में कालीचरण महाराज यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि कोई साधु संत नहीं हूं मैं लोगों ने मुझे महाराज बना दिया।
कालीचरण महाराज को जिम जाना पसंद है
सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, दरअसल वह एक पुराना वीडियो है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आईएनएच 24 को दिए गए एक इंटरव्यू के दौरान कालीचरण महाराज ने कहा था कि मैं जैसे कपड़े पहनता हूं फैशन के रूप में मुझे काफी अच्छे लगते हैं। मैं टी-शर्ट पहनता हूं। जरी वाले कपड़े पहनता हूं। साधु लोग चुने हुए कपड़े नहीं पहनते हैं। मैं अखाड़े जाता हूं। जिम जाता हूं, जिनका मुझे बहुत शौक रहा है और मेरे सद्गुरु महाराज ने ही शौक लगाया है।
साथ ही इस इंटरव्यू में कालीचरण महाराज ने यह भी बताया था कि वह अक्सर अपने माता-पिता से मिलने दो-चार महीने में जाते ही रहते हैं। वीडियो में कालीचरण को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मैंने अपने माता-पिता को कभी छोड़ा ही नहीं है| मैं उनसे मिलने 2-4, 6 महीने में जाता ही रहता हूं।
महाराज बनने की वजह
इंटरव्यू के दौरान कालीचरण ने बताया कि कैसे वह आध्यात्मिक की तरफ मुड़े हैं और साथ ही वह अपने फैसले के बारे में बताते हैं। कालीचरण महाराज ने कहा था कि जब मैं 10 साल का था तब मेरा एक्सीडेंट हो गया था। पैर बुरी तरह से जख्मी हो गया था। उसी समय काली मां ने प्रकट होकर मेरे पैर को जोड़कर उसे ठीक कर दिया था। तब से मेरे जीवन में अद्भुत परिवर्तन हो गया। उसके बाद से मैं काली मां का भक्त हो गया और लोगों ने मुझे महाराज बना दिया। मैं कोई साधु-संत, महात्मा या महापुरुष नहीं हूं।
बता दे कि धर्म संसद में कालीचरण महाराज ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्द का प्रयोग किया था| साथ ही उन्हें गाली भी दी थी। जिसके बाद कालीचरण के खिलाफ केस दर्ज किया गया और पुलिस कई दिनों से उनकी तलाश कर रही थी। कालीचरण महाराज के खिलाफ छत्तीसगढ़ से लेकर महाराष्ट्र तक कई मामले दर्ज हो चुके हैं। इस दौरान कालीचरण महाराज ने एक और विवादित बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें अपने बयान पर कोई अफसोस नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे महात्मा गांधी को गाली देने पर कोई खेद नहीं है अगर मुझे फांसी भी मिल जाए तब भी मैं अपने सुर नहीं बदलूंगा।