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तीनों कृषि कानूनों की वापसी से भड़कीं कंगना रनौत, अपने इंस्टाग्राम पर लिखा पोस्ट
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का ऐलान कर दिया। मोदी सरकार के इस फैसले से अभिनेत्री कंगना रनौत नाखुश नजर आईं। कृषि कानूनों की वापसी को दुखत और शर्मनाक बताते हुए कंगना रनौत ने कहा कि मोदी सरकार का यह फैसला पूरी तरह से अनुचित है।
कंगना ने लिखी यह बात
ट्विटर पर बैन हो चुकीं कंगना रणौत ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा है, 'दुखद, शर्मनाक और सरासर गलत... अगर संसद में बैठी सरकार के बजाय गलियों में बैठे लोग कानून बनाना शुरू कर दें तो यह भी एक जिहादी देश है... उन सभी को बधाई जो ऐसा चाहते हैं।'
बता दें, इससे पहले कृषि बिल के समर्थन में कंगना ने किसानों को आतंकी तक कह दिया था। उन्होंने लिखा था- प्रधानमंत्री जी कोई सो रहा हो उसे जगाया जा सकता है, जिसे गलतफहमी हो उसे समझाया जा सकता है मगर जो सोने की ऐक्टिंग करे, नासमझने की एक्टिंग करे उसे आपके समझाने से क्या फर्क पड़ेगा? ये वही आतंकी हैं CAA से एक भी इंसान की सिटिज़ेन्शिप नहीं गयी मगर इन्होंने खून की नदियां बहा दी।
हालांकि इस बयान के बाद कंगना की काफी आलोचना हुई थी। कंगना के इस ट्वीट के बाद #Arrest_Castiest_Kangna समेत अलग-अलग हैशटैग ट्रेंड करने लगे और उसमें कंगना रणौत को गिरफ़्तार करने की मांग उठने लगी। एक्ट्रेस के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 44, 108, 153, 153 A और 504 के तहत दर्ज किया गया था।
आज देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि हम किसानों को समझाने में कामयाब नहीं हुए, हमारी तपस्या में ही कमी रही, जिसकी वजह से हमें यह कानून वापस लेना पड़ रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार तीन नये कृषि कानून के फायदों को किसानों के एक वर्ग को तमाम प्रयासों के बावजूद समझाने में नाकाम रही। उन्होंने कहा कि इन तीनों कृषि कानूनों का लक्ष्य किसानों विशेषकर छोटे किसानों का सशक्तीकरण था। प्रधानमंत्री ने तीन कृषि कानून का उल्लेख करते हुए कहा, 'देश के कोने-कोने में कोटि-कोटि किसानों ने, अनेक किसान संगठनों ने, इसका स्वागत किया, समर्थन किया। मैं आज उन सभी का बहुत आभारी हूं।'
उन्होंने कहा, '' हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, देश के हित में, गांव गरीब के उज्ज्वल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से ये कानून लेकर आई थी।'' उन्होंने कहा, ''लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए।'' उन्होंने कहा कि कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया। आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है।
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