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कानपुर ट्रिपल मर्डर केस: गंगा में दस दिन बाद मिला हत्यारे डॉक्टर का शव
कानपुर के इंदिरा नगर स्थित डिविनिटी होम अपार्टमेंट में पत्नी और दो बच्चों का कत्ल कर फरार डॉक्टर सुशील का शव मिला है। पुलिस ने वारदात के दसवें दिन डॉ. सुशील का शव जाजमऊ गंगा पुल के पास से बरामद किया। डॉक्टर की जेब से उसका पर्स मिला। इसमें परिचय पत्र, आधार, एटीएम कार्ड और कुछ पैसे थे। दो पत्ते नशीली गोलियां भी बरामद की गईं। यह वही गोलियां हैं जिसका डॉक्टर लती था। बहरहाल, पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
बतादें कि तीन दिसंबर की शाम डॉक्टर ने अपनी शिक्षक पत्नी चंद्रप्रभा (48), बेटा शिखर (18) और बेटी खुशी (16) की निर्मम हत्या कर दी थी। वारदात के बाद रूरा में तैनात भाई को मैसेज कर जानकारी भी दी थी। मैसेज पढ़कर फ्लैट पहुंचे भाई के सामने पुलिस ने दरवाजे का लॉक तोड़ा और अंदर दाखिल हुई, जहां पत्नी और बच्चों के शव अलग-अलग कमरों में पड़े मिले थे।
बरामद नोट से पता चला कि कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रोन की वजह से डॉ. सुशील दहशत और डिप्रेशन में था। वारदात के बाद वह फरार हो गया था। डॉ. सुशील मंधना के रामा मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक विभाग में हेड ऑफ डिपार्टमेंट के पद पर तैनात थे। शुक्रवार शाम 5:32 बजे रूरा निवासी अपने भाई सुनील को सुशील ने मैसेज भेजा कि ...भैया पुलिस को इन्फॉर्म कर दो मैंने डिप्रेशन के चलते.....।
मैसेज देखकर सुनील ने फोन करना शुरू किया तो कोई जवाब किसी के नंबर से नहीं मिला। वह आनन-फानन अपार्टमेंट पहुंचे। दरवाजा न खोलने पर पुलिस को सूचना दी। पुलिस दरवाजा तोड़कर भीतर घुसी तो देखा कि चंद्रप्रभा, शिखर और खुशी का शव अलग-अलग कमरों में पड़ा था। पुलिस कमिश्नर असीम अरुण, एडिशनल सीपी क्राइम आनंद प्रकाश तिवारी, डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल के साथ मौके पर पहुंची फोरेंसिक ने तीन घंटे तक तफ्तीश करते हुए साक्ष्य जुटाए थे। डॉ. सुशील कुमार मूल रूप से रायबरेली के रहने वाले थे।
सुशील कुमार ने हथौड़े से चंद्रप्रभा का सिर कूंचा था। जिस तरह से सिर क्षत विक्षत था उससे स्पष्ट है कि जब तक चंद्रप्रभा की सांसें थम नहीं गईं तब तक उन पर वार करता रहा। वहीं शिखर और खुशी का गला घोंटा गया था। चंद्रप्रभा शिवराजपुर स्थित एक प्राइमरी स्कूल में शिक्षिका थीं। शिखर दिल्ली के कैड इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था। बेटी वुडबाइन स्कूल से हाईस्कूल की पढ़ाई कर रही थी।
डॉक्टर को दस दिन से पुलिस खोज रही थी। जल पुलिस की एक टीम ने दोपहर में गंगा पुल के नीचे शव उतराया देखा तो सूचना दी। नजदीक से देखने पर शव डॉक्टर का पाया गया। पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।