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करवाचौथ दिवस: मौसम पे नशा सा छाया है, जख्मों को सुकूं सा आया है

Desk Editor
24 Oct 2021 1:30 PM GMT
करवाचौथ दिवस: मौसम पे नशा सा छाया है,  जख्मों को सुकूं सा आया है
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हसनपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता, साहित्यकार मुजाहिद चौधरी ने करवा चौथ के अवसर पर अपने उद्गार कुछ इस प्रकार व्यक्त किए...

मौसम पे नशा सा छाया है ।

जख्मों को सुकूं सा आया है।।

कुछ सहमी सी है बादे सबा ।

कुछ चांद मेरा शरमाया है ।।

हर ओर खुशी का आलम है ।

हर सिम्त खुशी का साया है ।।

एक चांद फलक पर चमका है ।

एक चांद ज़मीं पर आया है ।।

जब प्यार से उसको देखा है ।

महबूब मेरा शरमाया है ।।

जिसे देख मुजाहिद जीता है ।

तेरे दिल के अंदर पाया है ।।


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