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Kaushambi New: धन्ना सेठों की लूट पर बचाव में रहती है पुलिस, रोज होती है दिनदहाड़े लूट पीड़ितों को राहत देने के बजाय लुटेरे के बचाव में खड़ी रहती है थाना पुलिस

Kaushambi New: कौशाम्बी बाइक फाइनेंस की रकम और ब्याज की अदायगी करने के बाद भी आए दिन बाइक की लूट और छिनैती बाइक एजेंसी संचालक और फाइनेंसर के एजेंट मिलकर दिन दहाड़े कर रहे हैं फाइनेंस कम्पनी से ली गयी रकम का पूरा भुगतान ब्याज सहित देने के बाद जिले में अक्सर ग्राहकों की बाइक लूटी जा रही है लेकिन लूट के शिकार लोगों की सुनवाई थाना पुलिस नहीं कर रही है जिससे जिले में तमाम बाइक खरीदने वाले ग्राहक परेशान है आए दिन फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों और एजेंसी संचालकों द्वारा बाइक छिनैती की घटनाएं सुनाई पड़ती है फाइनेंसर और एजेंसी संचालकों की गलत डिमांड को पूरी करने को ग्राहक मजबूर है जबकि विभिन्न शीर्ष अदालतों ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि फाइनेंसर ऋण दाता हो सकता है बकाए ऋण की अदायगी के लिए वह न्यायालय में रिट याचिका दाखिल कर अपनी बकाया रकम की वसूली कर सकता है लेकिन वाहन खरीदने वाले लोग संपत्ति मलिक होंगे और फाइनेंसर द्वारा वाहन छीन कर कब्जे में नहीं लिया जा सकता है लेकिन तमाम ऐसे मामले में है जिसमें ऋण की अदायगी हो चुकी है उसके बाद फाइनेंस के वाहन को छीन लिया गया है बाइक एजेंसी संचालक और फाइनेंसर की खुलेआम गुण्डई लूट छिनैती के मामले में थाना पुलिस घुटने टेक चुकी है एजेंसी संचालकों की लूट से पीड़ित बाइक मालिक न्याय के लिए थाना चौकी का दौड़ लगाते थक जाते हैं लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिलता है
इसी तरह का एक ताजा मामला कोखराज थाना क्षेत्र का सामने आया है जहां हीरो बाइक की एजेंसी हीरो उत्कर्ष मोटर्स गिरसा चौराहा भरवारी से अंतिम कुमार ने 30 हजार रुपए की रकम एडवांस देकर के 52 हजार रुपए का फाइनेंस पर हीरो बाइक खरीद की थी बाद में उसने 7 किस्तों में 82 हजार रुपए लगभग रकम फाइनेंस कंपनी को दे दिया 82 हजार रुपए की बाइक में एक साल के अंदर उससे एक लाख 12 हजार रुपए की रकम लेने के बाद एजेंसी कर्मियों ने उसकी बाइक छीन ली है एक महीने से बाइक स्वामी अपनी बाइक पाने के लिए एजेंसी से लेकर के फाइनेंसर कर्मियों तक दौड़ लगा रहा है मामले को लेकर थाना पुलिस और चौकी पुलिस से भी वह कई बार फरियाद कर चुका है लेकिन एजेंसी मालिकों के दौलत के आगे थाना पुलिस ने घुटने टेक दिए हैं जिससे बाइक खरीदने वाले को न्याय नहीं मिल सका है सवाल उठता है कि फाइनेंस में बाइक बेचने वाले लोग फाइनेंस की पूरी रकम ब्याज सहित वसूली करने के बाद कब तक बाइक की लूट करते रहेंगे और कब तक थाना पुलिस बाइक एजेंसी संचालक और फाइनेंस के कर्मचारियों के दौलत के आगे घुटने टेकती रहेगी थाना पुलिस द्वारा एजेंसी संचालक और फाइनेंसर कर्मियों पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी न कराए जाने से कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं
