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आखिर किस लिए और क्यों SC ने केंद्र को हालात संभालने को कहा, वही आज केजरीवाल ने बुलाई है आपात बैठक
राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता शनिवार को भी गंभीर श्रेणी में है और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 499 पर पहुंच गया है। हालात को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आज आपात बैठक बुलाई है। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और दिल्ली के मुख्य सचिव हिस्सा लेंगे।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को कहा कि पराली के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आपातकाल निर्णय लिए जाने की जरूरत है। मैं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से निवेदन कर रहा हूं। मुझे लगता है दिल्ली के नागरिक सोशल मीडिया के जरिए केंद्रीय मंत्री से आपातकाल बैठक बुलाकर कोई निर्णय लेने को आग्रह करें। केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारियों से बचे नहीं और चुप्पी न साधे।
Delhi CM Arvind Kejriwal calls emergency meeting today to tackle air pollution; Deputy CM Manish Sisodia, Health minister Satyendar Jain, Environment minister Gopal Rai and Delhi Chief Secretary to take part in the meeting
— ANI (@ANI) November 13, 2021
(file photo) pic.twitter.com/afanfuWKMV
बतादें कि सुप्रीम कोर्ट में वायु प्रदूषण से जुड़ी याचिका पर आज सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सरकार को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि उन्होंने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए क्या कदम उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस NV रमन्ना ने केंद्र सरकार से कहा कि वायु प्रदूषण एक गंभीर स्थिति है। हमें घर पर भी मास्क पहनने पड़ रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आज मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से पूछा, "हमें बताएं कि कैसे हम AQI को 500 से कम से कम 200 अंक कम कर सकते हैं। कुछ जरूरी उपाय करें। क्या आप दो दिन के लॉकडाउन या कुछ और के बारे में सोच सकते हैं? लोग कैसे रह सकते हैं?"
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में है और अगले 2 से 3 दिनों में यह और खराब हो जाएगी। आपातकालीन निर्णय लें। हम बाद में दीर्घकालिक समाधान देखेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि आपको इस मुद्दे को राजनीति और सरकार से परे देखना होगा। कुछ ऐसा होना चाहिए जिससे दो-तीन दिन में हम बेहतर महसूस करें।
सरकारों के रवैये पर सवाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार कहती है कि पराली जलाने के लिए 2 लाख मशीनें उपलब्ध हैं। मार्केट में 2-3 तरह की मशीनें उपलब्ध हैं लेकिन किसान उन मशीनों को खरीदने में समर्थ नहीं हैं। केंद्र/राज्य सरकारें किसानों को ये मशीनें क्यों नहीं मुहैया करातीं या पराली नहीं ले जातीं?
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार को भी फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने किहा कि वायु प्रदूषण को लेकर किसानों को दोष देना फैशन बन गया है। पटाखों पर बैन लगाया गया था, उसका क्या हुआ? सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी नई दिल्ली में स्कूलों को खोले जाने को लेकर भी दिल्ली सरकार से सवाल किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने राजधानी में सभी स्कूल खोल दिए हैं और अब बच्चे अब बच्चे प्रदूषण के संपर्क में हैं। यह केंद्र का नहीं बल्कि आपका अधिकार क्षेत्र है। इस मोर्चे पर क्या हो रहा है?
अब सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर 15 तारीख को सुनवाई करेगी। 15 नवंबर को केन्द्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट को बताना होगा कि उसने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए क्या किया।