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खो-खो की नेशनल प्लेयर की हत्या : नशेड़ी पल्लेदार ने किया था बबिता का कत्ल, पुलिस के खुलासे को नकारते हुए परिवार बोला- सीबीआई जांच हो
रिपोर्ट फैसल खान बिजनौर
शहजाद जैसे नशेड़ी और कमजोर के बूते बबिता को वश में करना मुमकिन नही था. उसका कत्ल तो दूर की बात है, वह अकेले शहजाद को धूल चटा सकती थी. रास्ते से स्लीपर तक उसे खींचकर ले जाना और फिर उसे वश में करके उसकी हत्या करना अकेले शहजाद के बूते का काम नही है. पुलिस ने घटना का पूरा खुलासा नही किया है. परिवार चाहता है कि इस मामले की सीबीआई जांच हो
बिजनौर पुलिस ने खो-खो की नेशनल प्लेयर बबिता उर्फ बबली हत्याकांड में खुलासा कर दिया है. पुलिस के मुताबिक रेलवे के नशेड़ी पल्लेदार शहजाद ने दुर्व्यवहार के इरादे से बबिता को दबोचा और नाकाम रहने पर उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने आरोपी शहजाद को गिरफ्तार करके जेल भेजा है. लेकिन इस खुलासे पर बबिता के परिजनों ने ही सवाल खड़े कर दिये है. उनके मुताबिक पुलिस ने खुलासे के नाम पर खानापूरी की है. परिजनों ने केस की सीबीआई जांच की मांग की है. आरोपी शहजाद के परिजनों का आरोप है कि उनके बेटे को फंसाया गया है.
बिजनौर के एसपी डॉ0 धर्मवीर सिंह ने जीआरपी और बिजनौर पुलिस के संयुक्त इन्वेस्टीगेशन के बारे में विवरण देते हुए बताया है कि शहजाद ने व्यभिचार के इरादे से बबिता को दबोचा था. दोनो के बीच काफी देर तक संघर्ष हुआ. शहजाद बबिता को स्लीपर्स के बीच खींचकर ले गया और जब किसी के आने की आहट हुई तो उसने गले में रस्सी और चुन्नी फांसकर बबिता का गला दबा दिया. बबिता की मौत हो गयी. केस जीआरपी से ट्रांसफर होने के बाद पुलिस की सभी विंग्स को सक्रिय किया गया और सभी अफसरों के मौका मुआयना के बाद सबूतों के आधार पर आरोपी शहजाद की गिरफ्तारी की गयी है.
एसपी डॉ0 धर्मवीर सिंह के मुताबिक आरोपी बबिता के साथ दुष्कर्म करना चाहता था लेकिन किसी के आने की आहट के चलते वह अपने मंसूबे में नाकाम रहा. पुलिस ने शहजाद की निशानदेही पर मौका-ए-वारदात से थोड़ी दूरी पर बबिता की दूसरी चप्पल बरामद की है. संघर्ष के दौरान बबिता के नाखून के निशान शहजाद की गर्दन पर मिले है. वारदात के वक्त पहनी गयी शर्ट पर संघर्ष के दौरान घसीटे जाने के खून के धब्बे मिले है. मौके पर बटन के टूटे हुए शर्ट के दो बटन बरामद हुए थे, मिलान में बाकी बटन शर्ट में लगे हुए मिले है.
एसपी ने बताया कि वारदात के दौरान बबिता अपने दोस्त से बात कर रही थी. उसके दोस्त ने बबिता के परिजनों और परिचितों को इस घटना के बारे में फोन पर सूचना दी थी. पुलिस को मिली जानकारी के आधार पर बातचीत फोन में रिकॉर्ड हुई थी. यह भी एक महत्वपूर्ण सबूत है. इसी के आधार पर आरोपी की तलाश शुरू की गयी. डीआईजी रेंज के मौका मुआयना के बाद यह केस सिविल पुलिस को ट्रांसफर किया गया. पुलिस ने अपने थाने में यह केस दर्ज किया है. शहजाद तीन बार चोरी के मामले में जेल जा चुका है.
बबिता के घरवाले इस खुलासे से संतुष्ट नही है. बबिता की बहिन ललिता के मुताबिक इस वारदात में कई अन्य लोग भी शामिल है. बबिता खो-खो की नेशनल प्लेयर थी. शहजाद जैसे नशेड़ी और कमजोर के बूते बबिता को वश में करना मुमकिन नही था. उसका कत्ल तो दूर की बात है, वह अकेले शहजाद को धूल चटा सकती थी. बबिता का फोन नही मिला है. हम जब मौके पर पहुंचे तो उसका खून ताजी था, बॉडी गर्म हो रही थी. मौका-ए-वारदात ऐसा रास्ता है जहां हर वक्त कोई न कोई गुजरता रहता है. रास्ते से स्लीपर तक उसे खींचकर ले जाना और फिर उसे वश में करके उसकी हत्या करना अकेले शहजाद के बूते का काम नही है. पुलिस ने घटना का पूरा खुलासा नही किया है. परिवार चाहता है कि इस मामले की सीबीआई जांच हो.
बबिता के घरवाले इस खुलासे से संतुष्ट नही है. बबिता की बहिन ललिता के मुताबिक इस वारदात में कई अन्य लोग भी शामिल है. बबिता खो-खो की नेशनल प्लेयर थी. शहजाद जैसे नशेड़ी और कमजोर के बूते बबिता को वश में करना मुमकिन नही था. उसका कत्ल तो दूर की बात है, वह अकेले शहजाद को धूल चटा सकती थी. बबिता का फोन नही मिला है. हम जब मौके पर पहुंचे तो उसका खून ताजी था, बॉडी गर्म हो रही थी. मौका-ए-वारदात ऐसा रास्ता है जहां हर वक्त कोई न कोई गुजरता रहता है. रास्ते से स्लीपर तक उसे खींचकर ले जाना और फिर उसे वश में करके उसकी हत्या करना अकेले शहजाद के बूते का काम नही है. पुलिस ने घटना का पूरा खुलासा नही किया है. परिवार चाहता है कि इस मामले की सीबीआई जांच हो.
बबिता के घरवाले इस खुलासे से संतुष्ट नही है. बबिता की बहिन ललिता के मुताबिक इस वारदात में कई अन्य लोग भी शामिल है. बबिता खो-खो की नेशनल प्लेयर थी. शहजाद जैसे नशेड़ी और कमजोर के बूते बबिता को वश में करना मुमकिन नही था. उसका कत्ल तो दूर की बात है, वह अकेले शहजाद को धूल चटा सकती थी. बबिता का फोन नही मिला है. हम जब मौके पर पहुंचे तो उसका खून ताजी था, बॉडी गर्म हो रही थी. मौका-ए-वारदात ऐसा रास्ता है जहां हर वक्त कोई न कोई गुजरता रहता है. रास्ते से स्लीपर तक उसे खींचकर ले जाना और फिर उसे वश में करके उसकी हत्या करना अकेले शहजाद के बूते का काम नही है. पुलिस ने घटना का पूरा खुलासा नही किया है. परिवार चाहता है कि इस मामले की सीबीआई जांच हो.
आरोपी शहजाद के परिजन वारदात की प्रेस कांफ्रेस के दौरान ही थाने पहुंच गये और जमकर हंगामा किया था. शहजाद के पिता के मुताबिक शहजाद की गर्दन पर जो नाखूनों के निशान है वह 10 सितंबर को भाईयों के बीच हुए झगड़े के दौरान आये थे. ठेकेदार ने शहजाद को काम के लिए बुलाया और पुलिस को सौंप दिया. पुलिस मेरे बेटे को फंसाना चाहती है.