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- जानिये उत्तराखंड का...
देहरादून। उत्तराखंड में मचे सियासी भूचाल के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। जहां उनकी हाईकमान के साथ बातचीत होगी। सूबे में चल रही नेतृत्व परिवर्तन की बयार के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सोमवार की सवेरे अचानक दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। उनके दिल्ली जाने के साथ ही प्रदेश में चर्चाओं का बाजार एक बार फिर से गर्म हो गया है।
अभी अभी मिली जानकारी के मुताबिक सीएम के पद की रेस में सतपाल महाराज का नाम सबसे उपर बताया जा रहा है जबकि उनकी देर रात आरएसएस के कई नेताओं से इस मुद्दे पर मुलाकात भी हुई है। वहीं अजय भट्ट और अनिल बलूनी रेस में आगे माने जा रहे है।
मुख्यमंत्री दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ मुलाकात करेंगे या उन्हें बुलाया गया है। इस बाबत कोई कार्यक्रम निर्धारण की सूचना जारी ना होने के चलते माना जा रहा है कि सीएम का दिल्ली दौरा विशुद्ध रूप से सियासी है। इस दौरे के बाद उनका अगला पडाव क्या होगा यह एकदम साफ़ हो जायेगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सोमवार को गैरसेण में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होना था। जिसके लिए उनका कार्यक्रम पहले से ही जारी हो चुका था। उधर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, कैबिनेट मंत्री व सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक, सांसद नरेश बंसल व अजय भट्ट ने दावा किया है कि उत्तराखंड में सीएम को बदलने जैसा कुछ भी नहीं चल रहा है और ना ही कोर ग्रुप की बैठक में इस पर कोई चर्चा हुई है। फिर भी मीडिया और आम लोग यह मानने को राजी नहीं हो रहे हैं कि कोर ग्रुप की बैठक बुलाने का मकसद सिर्फ 18 मार्च को त्रिवेंद्र सिंह रावत के 4 साल बेमिसाल कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए ही उन को दिल्ली बुलाया गया है।
उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी के बीच शनिवार को पूरे दिन चले सियासी ड्रामे के बीच अब असंतुष्ट विधायकों को साधने के लिए राजधानी में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई है। अगर मंत्रिमंडल का विस्तार होता है तो ऐसे में असंतुष्टों को प्राथमिकता दी जा सकती है। जिससे कि चुनावी साल में असंतोष को खत्म किया जा सके। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल में फिलहाल 3 पद खाली पड़े हैं। हालांकि हाईकमान ने फरवरी 2020 को ही मंत्रिमंडल विस्तार को हरी झंडी दे दी थी और सरकार के 3 साल पूरे होने पर विस्तार तय माना जा रहा था।
लेकिन इस बीच कोरोना संक्रमण के प्रकोप से मंत्रिमंडल विस्तार के मामले को टाल दिया गया। अब सरकार के 4 साल के जश्न पर कुछ विधायकों को यह तोहफा मिलने की चर्चाएं राजनीतिक हलकों में हो रही है। माना जा रहा है कि भाजपा असंतुष्ट विधायकों को कैबिनेट में जगह देकर उनके गुस्से को शांत करने का प्रयास कर सकती है।
पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पिथौरागढ़ जनपद की 4 में से 3 विधानसभा सीटें भाजपा के पास है। लेकिन मंत्रिमंडल में किसी को भी स्थान नहीं मिल पाया है। वरिष्ठता के आधार पर कुमाऊं मंडल में पूर्व मंत्री, पार्टी के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष व डीडीहाट विधायक विशन सिंह चुफाल, बागेश्वर विधायक और पूर्व मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल व खटीमा के युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं।