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- राज्यसभा जाने के लिए...
हालांकि राज्यसभा चुनावो में अभी चार-पांच महीने का वक्त है । लेकिन भावी प्रत्याशियों ने अभी से लॉबिंग प्रारम्भ करदी है । राज्यसभा के अगले साल अप्रैल में चार सीट के लिए चुनाव होने वाले है । इनमें से दो सीट कांग्रेस की झोली में जाना सुनिश्चित है । जबकि तीसरी सीट के लिए कांग्रेस द्वारा तोड़फोड़ की जाएगी ।
राज्यसभा के लिए इस वक्त साबसे प्रबल दावेदार पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को माना जा रहा है । वे न केवल राहुल के बहुत करीबी है बल्कि गांधी परिवार से भी अच्छे ताल्लुकात है । इनदिनों वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से काफी नजदीकियां बढ़ा रहे है ।
इसी क्रम में हाल ही में भंवर ने पंचायत समितियों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात की । उन्होंने यह दर्शाने के प्रयास किया जैसे अलवर में जीत उनकी वजह से हुई है । हकीकत यह है कि जिस वक्त चुनाव थे, भंवर अलवर से बाहर थे ।
अलवर में बीजेपी का किला पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है । इसलिए वहां कांग्रेस का जीतना स्वाभाविक था । जीत और ज्यादा मिलती, लेकिन मंत्री टीकाराम जूली ने कंग्रेसियो को ही आपस मे लड़ा दिया । जिससे मेव आज तक उनसे नाराज है और उनको मेव नेताओ से माफी भी मांगनी पड़ी ।
भंवर की सबसे बड़ी खूबी यही है कि वे राहुल के नजदीकी है । वरना असम, जहां के वह प्रभारी है कांग्रेस का डब्बा गोल कर दिया । अभी हुए पांच चुनाव में न केवल कांग्रेस को सभी जगह पराजय देखनी पड़ी । बल्कि जमानत से भी कंग्रेसियो को हाथ धोना पड़ा । बहरहाल वे कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे, इसमें शक की कोई गुंजाइश नही है ।
एक और चौकाने वाला नाम और है । राहुल गांधी को राष्ट्रीय पप्पू का खिताब देने वाले कवि कुमार विश्वास भी राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए के लिए लाइन में लगे हुए है । आम आदमी पार्टी के केजरीवाल ने उन्हें राज्यसभा नही भेजा तो वे आप का साथ छोड़कर इनदिनों कांग्रेस से इलू इलू कर रहे है ।
कुमार विश्वास की मुख्यमंत्री से अब काफी निकटता है । इसी के चलते उनकी पत्नी मंजू शर्मा को गहलोत ने आरपीएससी का सदस्य बनाया था । मूल रूप से अजमेर की रहने वाली मंजू जाति से माली है । जब कुमार विश्वास अजमेर में प्रवक्ता थे, उसी दौरान मंजू और उनके बीच प्यार हुआ । अंत मे दोनों पति पत्नी बन गए । हालांकि इसकी उम्मीद बिल्कुल नही है कि मंजू शर्मा आरपीएससी की अध्यक्ष बन जाए । लेकिन राजनीति में कुछ भी असम्भव नही है ।
इस बात की पूरी उम्मीद है कि राजस्थान पर्यटन निगम के पूर्व अध्यक्ष राजीव अरोड़ा को मुख्यमंत्री जयपुर शहर कांग्रेस का अध्यक्ष बनाना चाहते है । लेकिन राजीव इसके लिए राजी नही है । ऐसे में उन्हें किसी महत्वपूर्ण निगम का अध्यक्ष बनाया जा सकता है । यदि ऐसा नही हुआ तो उन्हें गहलोत राज्यसभा में भी भेज सकते है ।
राजस्थान के प्रभारी रहे अविनाश पांडे या वर्तमान प्रभारी अजय माकन भी राज्यसभा के प्रत्याशी हो सकते है । अजय माकन इन दिनों गांधी परिवार के काफी निकट है । अहमद पटेल की भूमिका आजकल माकन अदा कर रहे है । सोनिया का माकन और अविनाश पांडे पर पूरा भरोसा है । ऐसे में इन दोनों में से किसी एक को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया जा सकता है ।