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Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हुआ लैंडर, यहां पढ़िए पूरी खबर
चंद्रयान-3
Chandrayaan-3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने चंद्रयान-3 के लैंडर को सफलतापूर्वक प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग कर दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि लैंडर आगे की यात्रा अकेले ही तय करेगा। इसरो के अनुसार आने वाले 6 दिन लैंडिंग के लिए बहुत जरूरी हैं क्योंकि यहां लैंडर को कई अहम पड़ाव काफी तेजी के साथ पार करने है।
इसके साथ ही इसरो ने बताया कि इस बीच प्रोपल्शन मॉड्यूल लगातार इसी धुरी पर घूमते हुए इसरो को पृथ्वी की कई अहम जानकारियां आने वाले कई सालों तक देता रहेगा। यह पेलोड आने वाले कई सालों तक पृथ्वी के वायुमंडल का स्पेक्ट्रोस्कोपिक अध्ययन करने के लिए जानकारी भेजता रहेगा। इसके साथ ही यह पेलोड पृथ्वी पर बादलों के बनने और उनकी दिशा की सटीक जानकारी प्रदान करेगा। अंतरिक्ष में होने वाली अन्य गतिविधियों के बारे में अहम जानकारियां देता रहेगा जिससे आने वाले समय में हमें वहां होने वाली अहम घटनाओं के बारे में सूचना मिलेगी।
प्रोपल्शन माड्यूल से अलग होने के बाद क्या होगा?
इसरो के मुताबिक प्रोपल्शन माड्यूल से अलग होने की प्रक्रिया के बाद लैंडर को चंद्रमा की तरफ जाने वाले 90 डिग्री का एक टर्न लेना है। यह अहम है क्योंकि इसकी रफ्तार इस समय बहुत तेज है। टर्न लेने के बाद भी चुनौतियां यहां खत्म नहीं होंगी क्योंकि इसके बाद जब लैंडर चंद्रमा की सीमा में प्रवेश करेगा उस समय भी उसकी रफ्तार काफी ज्यादा होगी। ऐसे में वैज्ञानिक लैंडर की डीबूस्टिंग करेंगे।
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उद् भव त्रिपाठी
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज से स्नातक पूर्ण किया हूं। पढ़ाई के दौरान ही दैनिक जागरण प्रयागराज में बतौर रिपोर्टर दो माह के कार्य का अनुभव भी प्राप्त है। स्नातक पूर्ण होने के पश्चात् ही कैंपस प्लेसमेंट के द्वारा haribhoomi.com में एक्सप्लेनर राइटर के रूप में चार महीने का अनुभव प्राप्त है। वर्तमान में Special Coverage News में न्यूज राइटर के रूप में कार्यरत हूं। अध्ययन के साथ साथ ही कंटेंट राइटिंग और लप्रेक लिखने में विशेष रुचि है।