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यूक्रेन के खिलाफ रूस का हमला छठे दिन भी जारी है। यूक्रेन के डिप्लोमैट ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में बताया कि अब तक रूसी हमले में 16 बच्चों सहित 352 यूक्रेनी लोगों की मौत हो चुकी है। गोलाबारी अभी भी जारी है, इस वजह से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है। लेकिन दोनों देश पिछे हटने को तैयार नही है।
इसी बीच यूक्रेन-रूस युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक आपातकालीन सत्र भी बुलाया गया। इसी सत्र में संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत ने यूक्रेन में घटी एक घटना का जिक्र करते हुए रूसी सैनिक का एक संदेश पढ़ा, जिसमें दावा किया गया कि रूसी सेना अब यूक्रेन के नागरिकों पर भी हमला कर रही है।
Ukraine's Ambassador to the UN read out text messages between a Russian soldier and his mother moments before he was killed. He read them in Russian.
— Vera Bergengruen (@VeraMBergen) February 28, 2022
"Mama, I'm in Ukraine. There is a real war raging here. I'm afraid. We are bombing all of the cities...even targeting civilians." pic.twitter.com/mLmLVLpjCO
दरअसल, इस युद्ध को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा का एक आपातकालीन सत्र बुलाया गया। सत्र में रूस से यूक्रेन के साथ युद्ध को रोकने के प्रस्ताव का कई देशों के राजदूतों ने समर्थन किया है। इस सत्र को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लित्स्या ने कहा कि एक रूसी सैनिक ने अपने आखिरी संदेश में अपनी मां को फोन पर जो मैसेज भेजा है। इसके बाद युद्ध में उस रूसी सैनिक की मौत हो गई।
राजदूत के मुताबिक उसने लिखा 'मां मैं यूक्रेन में हूं, यहां एक वास्तविक युद्ध छिड़ा हुआ है और मुझे डर लग रहा है। हम सभी शहरों पर एक साथ बमबारी कर रहे हैं। यहां तक कि नागरिकों को भी निशाना बना रहे हैं।' उसने इस मैसेज को तब लिखा जब पहले रूसी सैनिक की मां अपने बेटे से पूछती है कि उसे आखिरी बार जवाब दिए इतना समय क्यों लगा और क्या वह उसे एक पार्सल भेज सकती है। लेकिन वह ऐसा जवाब देता है।
इतना ही नहीं सैनिक ने आगे लिखा कि हमें बताया गया था कि यूक्रेनी हमारा स्वागत करेंगे लेकिन वे हमारे बख्तरबंद वाहनों के नीचे गिर रहे हैं, खुद को पहियों के नीचे फेंक रहे हैं और हमें गुजरने नहीं दे रहे हैं। वे हमें फासीवादी कहते हैं। मां, यह बहुत कठिन है। यह मैसेज पढ़ते हुए यूक्रेन के राजदूत ने सभा में में कहा कि आप इस त्रासदी की कल्पना कीजिए यह कितना बड़ा है जो 24 फरवरी से शुरू हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि कल्पना कीजिए अगर यह आपके सामने हो रहा हो।
महासभा में यूक्रेन के राजदूत सर्गेई ने यह भी कहा कि महासभा को वैश्विक सुरक्षा पर मंडराते खतरे के मद्देनजर यह आपातकालीन सत्र बुलाना पड़ा। सर्गेई ने कहा कि महासभा को स्पष्ट तौर पर रूस को अपनी आक्रामकता को रोकने की मांग को लेकर आवाज बुलंद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रूस को बिना किसी शर्त तत्काल यूक्रेनी क्षेत्रों से अपनी सेना को हटाना चाहिए।