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महंत नरेंद्र गिरि केस: सीबीआई की चार्जशीट में हुआ सनसनीखेज खुलासा
महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में सीबीआई की चार्जशीट में सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि आनंद गिरि ने मई 2021 में नरेंद्र गिरि को फोन पर धमकी दी थी कि 'उसके पास ऐसा वीडियो है, जिसे देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी'। इस धमकी के बाद से ही नरेंद्र गिरि इतना परेशान हो गए थे कि वह खुदकुशी करने की बात सोचने लगे थे। सीबीआई को धमकी भरा ऑडियो मिल गया है। केस के खुलासे में इस ऑडियो ने बेहद अहम भूमिका निभाई है।
नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि के बीच जब विवाद शुरू हुआ तो उनके और उनके समर्थकों के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया। मामला बढ़ा तो नरेंद्र गिरि ने अपने प्रभाव से आनंद को निरंजनी अखाड़े से निष्कासित करा दिया। बाघंबरी मठ और हनुमान मंदिर से आनंद को पहले ही निष्कासित किया जा चुका था। सोशल मीडिया पर आरोपों प्रत्यारोपों का जमकर दौर चल रहा था। मई में आनंद गिरि हरिद्वार में निरंजनी अखाड़े से सचिव रवींद्र पुरी के यहां पहुंचा। रवींद्र पुरी ने दोनों के बीच सुलह की कोशिश करते हुए नरेंद्र गिरि को फोन किया।
पहले रवींद्र पुरी और नरेंद्र गिरि की बात हुई फिर रवींद्र के फोन से आनंद गिरि ने भी नरेंद्र गिरि से बात की। दोनों बात कर रहे थे। इसी बीच दोनों में बहस होने लगी। आनंद ने रवींद्र पुरी के फोन को स्पीकर मोड में किया और बातचीत को अपने फोन में रिकार्ड करने लगा। उसने नरेंद्र गिरि को धमकी दी कि उसके पास नरेंद्र गिरि के कई आपत्तिजनक वीडियो हैं। उसने नरेंद्र गिरि से कहा कि 'वीडियो मैं आपको भेजूंगा तो आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। ऐसे कई वीडियो और ऑडियो मेरे पास हैं'। सीबीआई को यह ऑडियो मिल गया है। इस ऑडियो को ब्लैकमेलिंग के एक बड़े सुबूत के तौर पर पेश किया गया है।
महंत नरेंद्र गिरि 20 सितंबर को मठ बाघंबरी गद्दी में फांसी पर लटके मिले थे। पुलिस को उनके कमरे से सुसाइड नोट और उनके मोबाइल में उनकी वीडियो रिकार्डिंग मिली थी। सीबीआई की जांच में पता चला कि महंत नरेंद्र गिरि ने दो वीडियो बनाए थे। दोनों वीडियो सीबीआई ने सुरक्षित कर जांच की। वीडियो और सुसाइड नोट के आधार पर मुख्य आरोपी बने आनंद गिरि को रिमांड पर लेकर पूछताछ की। आनंद गिरि के आईफोन का डेटा रिकवर कराया। इससे कई राज खुले। एक आडियो में आनंद गिरि और वर्तमान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी की बातचीत रिकार्ड है। जिसमें ब्लैकमेलिंग की बात सामने आई है।
सीबीआई ने छानबीन की तो यह भी पता चला कि महंत नरेंद्र गिरि ने मौत को गले लगाने से पहले वाराणसी में सतुआ बाबा को कॉल किया था। सतुआ बाबा को फोन पर बताया था कि आनंद गिरि ने इलेक्ट्रानिक उपकरणों की मदद से एक आपत्तिजनक वीडियो बनाया है। उस वीडियो में एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में उनको दिखाकर ब्लैकमेल कर रहा है। आनंद गिरि ने धमकी दी है कि वह इस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने जा रहा है। उन्होंने महंत सतुआ बाबा( संतोष दास) को बताया था कि आरोपी आनंद गिरि ने प्रयागराज और हरिद्वार के लोगों को इस वीडियो को दिखाकर उन्हें बदनाम कर रहा है। फेक वीडियो के बारे में जानकारी के लिए महंत नरेंद्र गिरि ने अपने शिष्यों से पूछा था कि क्या कंप्यूटर की मदद से दूसरे का चेहरा लगाकर कोई वीडियो बनाया जा सकता है। शिष्य सूरज पांडेय से उन्होंने वीडियो बनाना और उसे डिलीट करना भी सीखा था।