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Maharashtra Assembly Election: बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी ने छोड़ा कांग्रेस का 'हाथ', NCP में शामिल होते ही अजित पवार ने दिया टिकट

Special Coverage Desk Editor
25 Oct 2024 11:13 AM IST
Maharashtra Assembly Election: बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी ने छोड़ा कांग्रेस का हाथ, NCP में शामिल होते ही अजित पवार ने दिया टिकट
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Maharashtra Assembly Election: बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी ने शुक्रवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस का हाथ छोड़ने के बाद वह एनसीपी में शामिल हो गए. उसके बाद अजित पवार ने उन्हें विधानसभा चुनाव का टिकट भी दे दिया.

Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, दिवंगत बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी ने कांग्रेस छोड़कर एनसीपी का दामन थाम लिया. पार्टी में शामिल होते हैं अजित पवार ने उन्हें टिकट भी दे दिया. बता दें कि बाबा सिद्दीकी ने भी लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और अजित पवार वाली एनसीपी में शामिल हो गए थे. इससे पहले वह दो बार कांग्रेस से विधायक रहे, लेकिन इसी साल उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और अब उनके बेटे ने भी कांग्रेस छोड़ दी.

एनसीपी ने बांद्रा से दिया जीशान को टिकट

बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित गुट) में शामिल होते हैं जीशान सिद्दीकी को पार्टी ने टिकट भी दे दिया. उन्हें उन्हीं के पुराने विधानसभा क्षेत्र बांद्रा पूर्व से एनसीपी ने चुनावी मैदान में उतारा है. बता दें कि जीशान सिद्दीकी फिलहाल कांग्रेस विधायक हैं, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था. एनसीपी अजित पवार गुट ने जीशान सिद्दीकी के साथ महाराष्ट्र सरकार में पूर्व मंत्री रहे नवाब मलिक की बेटी सना मलिक को भी चुनावी मैदान में उतारा है.

कांग्रेस छोड़ने के बाद क्या बोले जीशान सिद्दीकी

कांग्रेस छोड़ने के बाद जीशान सिद्दीकी ने कहा कि, "महा विकास अघाड़ी ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. कांग्रेस की सीटिंग सीट शिवसेना (यूबीटी) को दे दी गई, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. कांग्रेस नेता और महा विकास अघाड़ी नेता पिछले कुछ दिनों से मेरे संपर्क में थे, लेकिन उनका इरादा धोखा देने का था. उस कठिन समय में अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे और एनसीपी ने मुझ पर भरोसा किया, मैं उनका आभारी हूं कि यह मेरे पिता का अधूरा सपना था इस सीट को फिर से जीतने और लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए उनकी हत्या कर दी गई. उनका खून मेरी रगों में बहता है और मैं उनकी लड़ाई लड़ूंगा और रिकॉर्ड अंतर से बांद्रा ईस्ट जीतूंगा."

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